सेबी के पास निष्क्रिय पड़े हैं हमारे 24000 करोड़ : सहारा
सहारा समूह ने बुधवार को कहा कि भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) का उससे और अधिक राशि जमा करने के लिए कहना वाजिब नहीं है, क्योंकि नियामक के पास जमा 24,000 करोड़ रुपए नौ साल से निष्क्रिय पड़े हुए हैं।
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सेबी की वर्ष 2020-21 रिपोर्ट कहती है कि नियामक ने इस रकम में सहारा के बांडधारकों को सिर्फ 129 करोड़ रुपए ही लौटाए थे और 23,000 करोड़ रुपए से अधिक राशि एक एस्क्रो खाते में जमा है।
सहारा समूह ने बयान में कहा कि उच्चतम न्यायालय ने 31 अगस्त, 2012 को अपने आदेश में मूलधन और ब्याज जमा करने को कहा था। उसके पीछे यह आधार था कि हरेक जमाकर्ता को पैसे लौटाए जाएं, लेकिन आदेश जारी करने के तीन महीने के भीतर ही सर्वोच्च अदालत को यह अहसास हो गया कि ऐसा नहीं किया जा रहा है।
सहारा ने कहा, ‘उच्चतम न्यायालय ने इस बात का संज्ञान लिया था कि पैसे लौटाने की मांग कर रहे जमाकर्ताओं की संख्या कहीं कम है। लिहाजा सेबी का सहारा से और रकम जमा करने को कहना एक गलतबयानी है।’
सेबी बांडधारकों को लौटा पाया सिर्फ 129 करोड़ रुपए
उसने कहा कि सेबी ने पिछले नौ वर्षों में देशभर के 154 समाचार पत्रों में विज्ञापन प्रकाशित कराए, लेकिन अब तक सिर्फ 129 करोड़ रुपए ही निवेशकों को लौटाए गए हैं। सहारा के मुताबिक, सेबी के मार्च, 2018 में प्रकाशित अंतिम विज्ञापन में कहा गया था कि जुलाई, 2018 के बाद कोई भी दावा स्वीकार नहीं किया जाएगा।
सहारा समूह ने दावा किया कि 95 प्रतिशत से अधिक जमाकर्ताओं को पहले ही पैसे लौटाए जा चुके हैं।
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