तालिबान ने ईरान से भारत को ड्राई फ्रूट्स के निर्यात सुविधा देने को कहा
तालिबान ने अब अपनी अर्थव्यवस्था को संकट से उबारने के प्रयास करने शुरू कर दिए हैं।
तालिबान ने ईरान से भारत को ड्राई फ्रूट्स के निर्यात सुविधा देने को कहा |
अफगानिस्तान के लिए ड्राई फ्रूट्स का निर्यात राजस्व अर्जित करने का एक प्रमुख जरिया माना जाता है। इसलिए तालिबान नेअब इनका निर्यात फिर से शुरू करने में मदद के लिए ईरान से संपर्क किया है।
ईरान स्थित तसनीम न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, तेहरान अफगानिस्तान के व्यापार कार्गो के परिवहन और चाबहार मार्ग के माध्यम से भारत को ड्राई फ्रूट्स के निर्यात के लिए तालिबान के प्रस्तावों का मूल्यांकन करने के लिए सहमत हो गया है।
तालिबान ने पिछले सप्ताह विस्तृत योजना प्रस्तुत की थी, जब दोनों देशों के प्रतिनिधियों ने एक व्यापक व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। सैद्धांतिक रूप से ईरान अफगान व्यापारियों को डोगरून-चाबहार मार्ग के माध्यम से भारत को ड्राई फ्रूट्स निर्यात करने की अनुमति देने के लिए सहमत हो गया है, जिसे तालिबान द्वारा अफगानिस्तान पर कब्जा करने के बाद बंद कर दिया गया था।
इस साल, निर्यातकों को अपने उत्पादों को शिप करने के लिए विशेष रूप से भूमि मागरें पर निर्भर रहना पड़ रहा है, क्योंकि अभी तक कोई एयर कार्गो उड़ानें उपलब्ध नहीं हैं। अधिकांश अफगान व्यापारी 7200 किलोमीटर लंबे अंतर्राष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारे (आईएनएसटीसी) के माध्यम से अफगानिस्तानके लिए इस मार्ग का उपयोग कर रहे हैं, जो पड़ोसी ईरान से होकर गुजरता है। इसके बाद कार्गो को चाबहार बंदरगाह, ईरान से मुंबई जैसे पश्चिमी बंदरगाहों में भेज दिया जाता है। लेकिन ईरान ने सुरक्षा चिंताओं का हवाला देते हुए जुलाई में उस रास्ते को बंद कर दिया था।
तालिबान के सत्ता में आने के बाद, उन्होंने भारत में निर्यात और आयात पर प्रतिबंध लगा दिया। लेकिन अब, भारी आर्थिक दबाव में, नई सरकार ने अपने रुख पर पुनर्विचार करने का फैसला किया है। भारत युद्धग्रस्त देश से अपने सूखे मेवों का लगभग 85 प्रतिशत आयात करता है।
अफगानिस्तान में इस साल सूखे मेवों की बंपर पैदावार हुई है। नतीजतन, अफगान निर्यातक अपने देश में मौजूदा स्थिति के बावजूद भारतीय खरीदारों के साथ लगातार संपर्क में हैं। आमतौर पर, सूखे मेवों का निर्यात सितम्बर में दुर्गा पूजा और दिवाली के त्योहारों के मौसम की शुरुआत से ठीक पहले शुरू होता है। भारत में अफगानिस्तान से होने वाले निर्यात में सूखी किशमिश, अखरोट, बादाम, अंजीर, पाइन नट्स, पिस्ता और सूखी खुबानी के साथ ही ताजा फल भी शामिल हैं।
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