अर्थव्यवस्था पर पड़ी लॉकडाउन की मार
कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए लगाए गए ‘लॉकडाउन’ से देश की अर्थव्यवस्था पर और बुरा असर पड़ा है।
अर्थव्यवस्था पर पड़ी लॉकडाउन की मार |
सरकार की ओर से सोमवार को जारी आंकड़े के अनुसार, चालू वित्त वर्ष (2020-21) की अप्रैल-जून तिमाही में अर्थव्यवस्था में 23.9 प्रतिशत की अब तक की सबसे बड़ी तिमाही गिरावट आई है। इस दौरान कृषि को छोड़कर विनिर्माण, निर्माण और सेवा समेत सभी क्षेत्रों का प्रदर्शन खराब रहा है। सबसे अधिक प्रभाव निर्माण उद्योग पर पड़ा है, जो 50 प्रतिशत से भी अधिक गिरा है।
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के आंकड़े के अनुसार, सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में इससे पूर्व वर्ष 2019-20 की इसी तिमाही में 5.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। सरकार ने कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए 25 मार्च से पूरे देश में ‘लॉकडाउन’ लगाया था। इसका असर अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्रों पर पड़ा है। विनिर्माण क्षेत्र में सकल मूल्य वर्धन (जीवीए) में 2020-21 की पहली तिमाही में 39.3 प्रतिशत की गिरावट आई, जबकि एक साल पहले इसी तिमाही में इसमें 3 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। हालांकि कृषि क्षेत्र में इस दौरान 3.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई। एक साल पहले 2019-20 की पहली तिमाही में 3 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।
निर्माण क्षेत्र में जीवीए वृद्धि में चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 50.3 प्रतिशत की गिरावट आई, जबकि एक साल पहले इसी तिमाही में 5.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। खनन क्षेत्र उत्पादन में 23.3 प्रतिशत की गिरावट आई जबकि एक साल पहले 2019-20 इसी तिमाही में 4.7 की वृद्धि हुई थी। बिजली, गैस, जल आपूर्ति और अन्य उपयोगी सेवा क्षेत्र में भी 2020-21 की पहली तिमाही में 7 प्रतिशत गिरावट आई, जबकि एक साल पहले 2019-20 की इसी तिमाही में 8.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। आंकड़े के अनुसार व्यापार, होटल, परिवहन, संचार और प्रसारण से जुड़ी सेवाओं में आलोच्य तिमाही में 47 प्रतिशत की गिरावट आई, जबकि एक साल पहले इसी तिमाही में 3.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।
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