सरकार ने कॉरपोरेट जगत को दी तोहफों की सौगात, 10 फीसदी तक कम हुए कंपनी कर

Last Updated 20 Sep 2019 12:15:37 PM IST

देश की अर्थव्यवस्था की सुस्त पड़ी रफ्तार को गति पकड़ने के प्रयासों के तहत सरकार ने शुक्रवार को कई बड़े ऐलान किए। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कंपनियों के लिए कॉरपोरेट टैक्स में कटौती की घोषणा की है।




वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण

घरेलू कंपनियों और नयी घरेलू विनिर्माण कंपिनयों के लिए कंपनी करों में बड़ी कटौती की घोषणा की गई है। घरेलू कंपनियों के लिए कंपनी की दर बिना रियायत के 22 प्रतिशत की गई है।

वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद की शुक्रवार को होने वाली बैठक से पहले केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने संवाददाता सम्मेलन में यह ऐलान किए। इन ऐलानों के बाद शेयर बाजारों में दिवाली से करीब सवा महीने पहले ही रौनक आ गई और बाम्बे शेयर बाजार का सेंसेक्स और नेशनल स्टाक एक्सचेंज के निफ्टी झूम उठे।
 
अर्थव्यवस्था की रफ्तार और निवेश बढ़ाने के लिए आयकर कानून में चालू वित्त वर्ष से बदलाव किया जायेगा। घरेलू कंपनियां यदि किसी प्रकार की रियायत नहीं लेती हैं तो उनको 22 प्रतिशत आयकर देना होगा। उपकर और प्रभार मिलाकर यह 25.17 प्रतिशत हो जायेगा। पहले यह दर 30 प्रतिशत थी ।

सीतारमन ने बताया कि सरकार के इस फैसले से एक लाख 45 हजार करोड़ रुपए के राजस्व का भार पड़ेगा। उन्होंने बताया कि ‘मेक इन इंडिया’ को तेज गति देने के लिए आयकर विभाग में एक नया प्रावधान किया गया है। चालू वित्त वर्ष में एक अक्टूबर के बाद से अस्तित्व में आई घरेलू कंपनी जो विनिर्माण में निवेश करेगी उसे केवल 15 प्रतिशत की दर से आयकर का विकल्प होगा। इस अर्थ यह हुआ कि इस वर्ष एक अक्टूबर या उसके बाद देश में गठित किसी भी कंपनी पर 15 प्रतिशत ही कर लगेगा। यदि यह कंपनी 31 मार्च 2023 से पहले उत्पादन शुर कर देती है तो 15 प्रतिशत कर लगेगा और सभी प्रकार के प्रभार और उपकर समेत कर 17.10 प्रतिशत होगा।

वित्त मंत्री के इस ऐलान के बाद शेयर बाजार दिवाली से सवा महीने पहले ही झूम उठा। बीएसई के सेंसेक्स में दोपहर बारह बजे करीब 1900 अंक और एनएसई के निफ्टी में लगभग 540 अंक का उछाल आया।

उन्होंने कंपनियों के लिए एक और बड़ा ऐलान करते हुए बताया कि पांच जुलाई 2019 से पहले शेयरों की पुनर्खरीद की घोषणा करने वाली कंपनियों पर सुपर रिच कर नहीं लगेगा।

पूंजी बाजार में प्रवाह बढ़ाने के लिए चालू वित्त वर्ष के आम बजट में बढ़ाया गया प्रभार कंपनी में शेयरों की बिक्री और इक्विटी फंड यूनिट बिक्री से होने वाले कैपिटल गेन पर नहीं लगेगा। इस छूट में एफपीआई और डेरेवेटिव भी शामिल हैं।

सीतारमन ने बताया कि छूट और इसेंटिव ले रही कंपनियों को राहत देने के लिए न्यूनतम वैकल्पिक कर (मैट) में राहत दी गई है ।  मैट को तीन प्रतिशत घटाकर साढ़े 18.5 प्रतिशत से 15 प्रतिशत कर दिया गया।

वित्त मंत्री के ऐलानों का स्वागत करते हुए वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि इनसे अर्थव्यस्था को निश्चित तौर पर रफ्तार मिलेगी।

वार्ता
नई दिल्ली


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