माल्या ने जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल के प्रति जाहिर की एकजुटता
संकट में घिरे दिग्गज शराब कारोबारी विजय माल्या ने बुधवार को जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल के साथ एकजुटता प्रकट की। इसके साथ ही उन्होंने भारतीय बैंकों से लिए गए ऋण को लौटाने की अपनी पेशकश भी दोहरायी।
विजय माल्या (फाइल फोटो) |
करीब 9,000 करोड़ रुपये की वित्तीय धोखाखड़ी एवं धनशोधन के आरोपों का सामना कर रहे कारोबारी ने दावा किया कि भारत सरकार निजी विमानन कंपनियों के साथ भेदभाव कर रही है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने सरकारी एयरलाइन एयर इंडिया को सहायता राशि दी, जबकि किंगफिशर एयरलाइन एवं अब जेट एयरवेज को संकट से उबारने में सरकार ने मदद नहीं की।
माल्या ने ट्वीट किया, ‘‘हालांकि एक समय में जेट, किंगफिशर की बड़ी प्रतिद्वंद्वी हुआ करती थी लेकिन इस समय एक बड़ी एयरलाइन को विफलता के कगार पर पहुंचता देख मुझे दुख हो रहा है। सरकार ने एयर इंडिया को संकट से उबारने के लिए 35,000 करोड़ रुपये की सहायता राशि दी। पीएसयू होना भेदभाव का आधार नहीं हो सकता।’’
Even though Jet was a major competitor to Kingfisher at the time I feel sorry to see such a large private airline on the brink of failure when Government used 35K crores of public funds to bail out Air India. Just being a PSU is no excuse for discrimination.
— Vijay Mallya (@TheVijayMallya) April 16, 2019
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने किंगफिशर में काफी अधिक निवेश किया। वह एयरलाइन तेजी से बढी और भारत की सबसे बड़ी और सबसे अधिक पुरस्कृत एयरलाइन बन गयी। ये सच है कि किंगफिशर ने सार्वजनिक क्षेत्रों के बैंकों से भी कर्ज लिया। मैंने 100 प्रतिशत कर्ज लौटाने की पेशकश की, इसके बावजूद मुझ पर आपराधिक आरोप लगाये जा रहे हैं..’’
Even though Jet was a major competitor to Kingfisher at the time I feel sorry to see such a large private airline on the brink of failure when Government used 35K crores of public funds to bail out Air India. Just being a PSU is no excuse for discrimination.
— Vijay Mallya (@TheVijayMallya) April 16, 2019
किंगफिशर एयरलाइन के पूर्व प्रमुख ने मीडिया पर भी हमला बोलते हुए दावा किया कि वह जब भी सरकारी बैंकों को पैसा लौटाने की बात करते हैं तो मीडिया में ऐसी खबरें चलने लगती हैं कि वह ब्रिटेन से भारत में प्रत्यर्पित किये जाने से ‘डर‘ गए हैं। उन्होंने सवाल किया, ‘‘मैं लंदन में रहूं या भारत की किसी जेल में, मैं रुपये लौटाने को तैयार हूं। बैंक मेरी पेशकश के बावजूद रुपये क्यों नहीं ले रहे हैं।’’
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