आरबीआई ने रेपो रेट घटाकर 6 फीसदी की, कर्ज सस्ता होने की उम्मीद

Last Updated 04 Apr 2019 12:25:34 PM IST

भारतीय रिजर्व बैंक ने चुनावी साल में लगातार दूसरी बार नीतिगत दरों में एक चौथाई प्रतिशत की कमी करने का निर्णय लिया है जिससे आवास, वाहन एवं व्यक्तिगत ऋण के सस्ते होने की उम्मीद बनी है।


RBI ने घटाई ब्याज दरें, सस्ता होगा लोन

रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति ने तीन दिवसीय बैठक के बाद गुरुवार को यहाँ चालू वित्त वर्ष की पहली द्विमासिक मौद्रिक नीति जारी की गयी जिसमें उसने कहा कि महँगाई - विशेषकर खुदरा महंगाई - लक्षित दायरे  में है, लेकिन घरेलू स्तर पर आर्थिक गतिविधियों में शिथिलता के मद्देनजर  निजी निवेश बढ़ाने के उद्देश्य से ब्याज दरों में कमी करने का निर्णय बहुमत के आधार पर लिया गया है। समिति के चार सदस्यों ने नीतिगत दरों में कटौती का समर्थन किया है जबकि दो सदस्य दरों को यथावत बनाये रखने के पक्षधर थे।

समिति के निर्णय के बाद अब रिपो दर 6.25 प्रतिशत से घटकर 6.00 प्रतिशत, रिवर्स रेपो दर 6.00 प्रतिशत कम होकर 5.75 प्रतिशत, मार्जिनल स्टैंडिंग फैसेलिटी दर (एमएसएफआर) 6.50 प्रतिशत से घटकर 6.25 प्रतिशत तथा बैंक दर 6.50 प्रतिशत कम होकर 6.25 प्रतिशत हो गयी है। हालांकि नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) को चार प्रतिशत पर और वैधानिक तरलता अनुपात (एसएलआर) को 19.25 प्रतिशत पर यथावत रखा गया है।

इसके साथ ही समिति ने नीतिगत दर के रुख निरपेक्ष बनाये रखने का भी निर्णय लिया है। नीतिगत दरों में कटौती तत्काल प्रभाव से लागू हो गयी है।

बयान में कहा गया है कि वर्ष 2019-20 में महँगाई का निर्धारण कई कारकों से होगा। वर्ष 2018-19 की अंतिम तिमाही के जनवरी और फरवरी महीने में खाद्य महँगाई कम रही है।

फरवरी में ईंधन महँगाई में भी कमी आयी है। खाद्य और ईंधन महँगाई को छोड़कर अन्य वगरें की भी उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित महँगाई अनुमान से कम रही है। इस कारण महँगाई में नरमी रही है।

केंद्रीय बैंक ने कहा है कि पिछली नीति जारी किये जाने के बाद से अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत करीब 10 प्रतिशत बढ़ी है। इन सभी कारकों को ध्यान में रखते हुये तथा यह मानते हुये कि वर्ष 2019 में मानसून सामान्य रहेगा, महँगाई अनुमान में कमी की गयी है।

रिजर्व बैंक ने वर्ष 2018-19 की चौथी तिमाही में खुदरा महँगाई के 2.4 प्रतिशत तथा चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में 2.3 से 3.0 प्रतिशत के बीच और दूसरी छमाही में 3.5 से 3.8 प्रतिशत के बीच रहने का अनुमान जताया है।

घरेलू निवेश कमजोर पड़ने तथा वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुस्ती के संकेत को देखते हुये रिजर्व बैंक ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए विकास अनुमान में 0.2 फीसदी की कटौती कर इसे 7.2 प्रतिशत कर दिया है। 2019-20 की पहली छमाही में विकास दर 6.8 से 7.1 प्रतिशत के बीच और दूसरी छमाही में 7.3 प्रतिशत से 7.4 प्रतिशत के बीच रहने का अनुमान व्यक्त किया गया है। इस प्रकार पूरे वित्त वर्ष के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) विकास दर 7.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है। इससे पहले फरवरी में जारी बयान में वित्त वर्ष 2019-20 के लिए विकास दर अनुमान 7.4 प्रतिशत रखा गया था।

केंद्रीय बैंक ने कहा है कि उसने घरेलू निवेश कमजोर रहने के संकेत और वैिक अर्थव्यवस्था में सुस्ती के मद्देनजर अपने दो माह पुराने अनुमान में कटौती की है। बयान में कहा गया है ‘‘उत्पादन और पूँजीगत वस्तुओं के आयात में सुस्ती से घरेलू निवेश गतिविधियों में कमजोरी के संकेत मिले हैं। वैिक अर्थव्यवस्था में सुस्ती से भारत का निर्यात प्रभावित हो सकता है।’’
उसने कहा कि इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुये नीतिगत दरों में एक चौथाई प्रतिशत की कमी की गयी है। वर्ष 2018-19 की अंतिम द्विमासिक बैठक में भी समिति ने नीतिगत दरों में एक चौथाई प्रतिशत की कमी की थी।

आज की बैठक में रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांता दास, समिति के सदस्यों डॉ़  पमी दुआ, डॉ़   रवीन्द्र एच. ढोलकिया और डॉ़  माइकल देबब्रत पात्रा ने नीतिगत दरों में कमी करने का पक्ष लिया जबकि डॉ़ चेतन घाटे और डॉ़  विरल वी. आचार्य ने इसे यथावत बनाये रखने के पक्ष में मतदान किया। इसी तरह से दास, डॉ़  दुआ, डॉ़  पात्रा, डा़ॅ   आचार्य और डॉ़  घाटे ने मौद्रिक नीति के लिए रुख बनाये रखने का पक्ष लिया जबकि डॉ  ढोलकिया ने इसे बदलकर एकोमोडेटिव करने के पक्ष में मत दिया।

समिति की चालू वित्त वर्ष की दूसरी द्विमासिक समीक्षा बैठक 03 से 06 जून तक होगी।

रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक की मुख्य बातें

रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति की गुरुवार को संपन्न तीन दिवसीय पहली द्विमासिक सीमक्षा बैठक में नीतिगत दरों में एक चौथाई प्रतिशत की कटौती की गयी।   समिति द्वारा लिये गये निर्णयों की मुख्य बातें इस प्रकार हैं :-
रेपो दर 6.25 प्रतिशत से घटाकर 6.00 प्रतिशत
रिवर्स रेपो दर 6.00 प्रतिशत से घटाकर 5.75 प्रतिशत
बैंक दर 6.50 प्रतिशत से घटाकर 6.25 प्रतिशत
मार्जिनल स्टैंडिंग फसिलिटी (एमएसएफ) 6.50 प्रतिशत से घटाकर 6.25 प्रतिशत
नकद आरक्षित अनुपात चार प्रतिशत पर यथावत
वैधानिक तरलता अनुपात (एसएलआर) 19.25 प्रतिशत
चालू वित्त वर्ष के विकास अनुमान को कम कर 7.2 प्रतिशत किया
चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में खुदरा महंगाई अनुमान को कम कर 2.9 से 3.0 प्रतिशत के बीच रहने तथा दूसरी छमाही में इसके 3.5 से 3.8 प्रतिशत के बीच रहने की उम्मीद जताई
चालू वित्त वर्ष की दूसरी द्विमासिक बैठक 03 से 06 जून 2019 को होगी

वार्ता
नई दिल्ली


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