मोदी के कार्यकाल में इस वर्ष सबसे कम रहेगी विकास दर
कृषि और विनिर्माण क्षेत्र के खराब प्रदर्शन की वजह से देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष (2017-18) में 6.5 फीसद के चार साल के निचले स्तर पर रहेगी.
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जीडीपी का अनुमान लगाने वाली सरकारी एजेंसी ने अपने पहले अग्रिम अनुमान में यह बात कही है. नरेन्द्र मोदी सरकार के कार्यकाल में यह सबसे कम वृद्धि दर होगी. देश की प्रति व्यक्ति आय की वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष में घटकर 8.3 फीसद यानि 1,11,782 रुपए पर आने का अनुमान है.
सरकारी एजेंसी केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) ने शुक्रवार को राष्ट्रीय आय 2017-18 का पहला अग्रिम अनुमान जारी करते हुए यह अनुमान लगाया है. पिछले वित्त वर्ष 2016-17 में जीडीपी की वृद्धि दर 7.1 फीसद रही थी जबकि इससे पिछले साल यह आठ फीसद के ऊंचे स्तर पर थी. वर्ष 2014-15 में यह 7.5 फीसद थी. मोदी सरकार ने मई, 2014 में कार्यभार संभाला था.
सीएसओ ने कहा, चालू वित्त वर्ष में जीडीपी की वृद्धि दर 6.5 फीसद पर आने का अनुमान है जो इससे पिछले वित्त वर्ष में 7.1 फीसद रही थी. वास्तविक सकल मूल्यवर्धन (जीवीए) के आधार पर 2017-18 में वृद्धि 6.1 फीसद रहने का अनुमान है, जो इससे पिछले साल 6.6 फीसद थी.
गिरावट की वजह
आर्थिक गतिविधियां नोटंबदी और उसके बाद माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के क्रि यान्वयन से प्रभावित चालू वित्त वर्ष में आर्थिक गतिविधियों में गिरावट दिख रही है. सीएसओ के आंकड़ों के अनुसार कृषि, वन और मत्स्यपालन क्षेत्र की वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष में घटकर 2.1 फीसद पर आने का अनुमान है, जो इससे पिछले वित्त वर्ष में यह 4.9 फीसद थी. इसके अलावा विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर भी घटकर 4.6 फीसद पर आने का अनुमान है, जो 2016-17 में 7.9 फीसद रही थी.
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