पुतिन की जीत के मायने

Last Updated 20 Mar 2024 12:43:41 PM IST

रूस के राष्ट्रपति ब्लादीमिर पुतिन पांचवी बार भारी मतों से चुनाव जीत गए हैं। उन्हें 87.29 फीसद वोट मिला। उनके पक्ष में सुनाया गया विराट जनादेश इस बात का संदेश है कि देश की राजनीतिक व्यवस्था पर उनका प्रभावी नियंत्रण है और वह सर्वाधिक लोकप्रिय नेता हैं।


रूस के राष्ट्रपति ब्लादीमिर पुतिन

इससे यह भी जाहिर होता है कि रूस की जनता ने उनकी नीतियों का समर्थन किया है। भारत, चीन और उत्तर कोरिया सहित अनेक देश के नेताओं ने जीत पर उन्हें बधाई दी, जबकि पश्चिमी देशों ने चुनावों में धांधली का आरोप लगाकर उनकी जीत को खारिज कर दिया।

अमेरिका और पश्चिमी देशों के पुतिन के साथ जिस तरह के तनावपूर्ण रिश्ते हैं उन्हें देखकर उनकी ओर से इसी तरह की प्रतिक्रिया का अनुमान था। चुनाव परिणामों के तुरंत बाद पुतिन ने अमेरिका के नेतृत्व वाले नाटो को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि अगर पश्चिमी देशों ने यूक्रेन में अपनी सेना तैनात की तो तीसरा विश्व युद्ध अवशयंभावी है।

रूसी राष्ट्रपति की यह कड़ी प्रतिक्रिया फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के उस गैरजिम्मेदाराना बयान के संदर्भ में आई है जिसमें उन्होंने यूक्रेन में फ्रांस और नाटो के सैनिकों को तैनात करने के बारे में कहा था।

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने भी पुतिन को पिछले दिनों क्रूर, हत्यारा, तानाशाह और युद्ध अपराधी बताया था। राष्ट्रपति पुतिन अगले छह वर्षो तक मजबूती के साथ सत्ता में बने रहेंगे। अमेरिका और पश्चिमी देशों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए।

पुतिन के अधिकतर राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी और आलोचक या तो जेल में हैं या देश से निर्वासित। राष्ट्रपति चुनाव से पहले पुतिन के राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी अलेक्सी नवालनी की आर्कटिक जेल में मौत हो गई थी। उनकी पत्नी यूलिया ने उनकी मौत के लिए पुतिन को सीधे जिम्मेदार ठहराया था।

बाइडन ने भी पुतिन के विरुद्ध तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी। पश्चिमी देशों की मीडिया नवालनी को नागरिक स्वतंत्रता और अभिव्यक्ति की आजादी का योद्धा बता रहा है। लेकिन पुतिन इन आलोचनाओं से बेफिक्र हैं और आलाचकों के प्रति उदारवादी रुख अपनाए हुए हैं।

शीत युद्ध के दौरान भी अमेरिका और रूस (तब सोवियत संघ) से संबंध तनावपूर्ण थे। 1962 में अमेरिका ने जब कम्युनिस्ट देश क्यूबा में मिसाइल तैनात किया तब भी सोवियत संघ और अमेरिका के बीच युद्ध की स्थिति बन गई थी। यूक्रेन-रूस युद्ध ने भी अमेरिका और रूस के संबंधों को बहुत तनावपूर्ण बना दिया है।



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