हसीन सपने भर नहीं
आंध्र प्रदेश और नई दिल्ली से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से संबंधित दो अहम खबरें हैं। रविवार को अमरावती की जनसभा में वे शिक्षा-स्वास्थ्य के अनेक उन्नत केंद्रों से राज्य को एक जीवंत हब बनाने का ऐलान करते हैं।
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इनमें आईआईटी, आईआईएम और एम्स जैसे अनेक संस्थानिक उपहारों का पिटारा खोलते हैं-इस अंदाज में कि ‘ये लीजिए,वो भी लीजिए। और बोलिए कि और आपको क्या चाहिए।’ ऐसा दो ही स्थितियों में होता है-जब आप किसी को बेहद मूल्यवान और वजनदार मानकर उसको साधने में बिछ से जाते हैं या फिर किसी को अपने अस्तित्व का बेहद सगा मानते हैं। उसके स्वागत-सत्कार में कसर नहीं छोड़ना चाहते। वैसे चुनावी मौसम में यह दल-निरपेक्ष आम रवायत है।
पर भाजपा और नरेन्द्र मोदी के संदर्भ में खास है। मंच पर इसके साक्ष्य थे-तेलुगू देशम के चंद्रबाबू नायडू और जनसेना के नेता। एनडीए के संयोजक रहे नायडू की सालों बाद एनडीए में वापसी हुई है। हालांकि नायडू भ्रष्टाचार के मामले, जिसके खिलाफ पीएम का अभियान है, में अभी पिछले महीने जेल से जमानत पर हैं। इस विडम्बना के बावजूद भाजपा और प्रधानमंत्री का भरोसा है कि वे इनके सहारे आंध्र प्रदेश की लोक सभा सीटों से ‘400 पार’ जाने का पुख्ता इंतजाम कर लेंगे।
विधानसभा में भी कुछ सीटें लाकर गठबंधन सरकार का हिस्सा बन सकते हैं। पिटारा खोलने की यह पहली स्थिति है। यहां कर्नाटक की 25 सीटों की बड़ी भरपाई करनी है,जो कांग्रेस के कब्जे में है-तेलंगाना भी। केरल में भाजपा के नामलेवा तो एकाध हो गए हैं, पर वे सीटें लाने वाले अभी भी नहीं हैं। तमिलनाडु में भाजपा का अन्नाद्रमुक से अलगाव हो चुका है। इसलिए आंध्र और चंद्रबाबू भाजपा के लिए अभी एवं आगे के लिए अपरिहार्य हैं। योजनाओं की झड़ी की यह दूसरी बाध्यता है।
इस तस्वीर से बिल्कुल उलट है-तीसरी बार सत्ता में वापसी की प्रधानमंत्री की आस्ति। इसी आधार पर वे सत्ता में आने के 100 दिन बाद के कार्यक्रम बनाने का निर्देश अपनी कैबिनेट को दिया हुआ है। इसके आगे, वे आजादी की सदी 2047 तक देश के सर्वागीण विकास का एजेंडा तैयार किए हुए हैं, जो सर्वे पर आधारित है। विपक्ष इस पर हंस सकता है और इसे मतदाताओं को बरगलाने का एक हथकंडा करार दे सकता है। एक मायने में ऐसा हो भी सकता है। पर योजना और क्रियान्वयन में सरकार जिस तरह से चली है, उसे देखते हुए इस प्रधानमंत्री की आस्ति को ‘मुंगेरीलाल के हसीन सपने’ मानने में कठिनाई है।
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