अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद कश्मीर में मोदी की ऐतिहासिक रैली
अगस्त 5, 2019 को जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का प्रावधान करने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पहली बार श्रीनगर पहुंचकर ‘विकसित भारत, विकसित जम्मल-कश्मीर’ का नारा दिया।
![]() कश्मीर में मोदी |
इस नारे का बहुत स्पष्ट है कि राज्य से केंद्र शासित संघ क्षेत्र में तब्दील हुए इस पर्वतीय प्रदेश के विकास में ही देश का विकास निहित है। उन्होंने 6400 करोड़ रुपए की विभिन्न विकास परियोजनाओं का लोकार्पण भी किया। प्रधानमंत्री मोदी ने जोर देकर कहा कि केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर विकास की नई ऊंचाइयों को छू रहा है और खुली हवा में सांस ले रहा है।
उन्होंने अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने की ऐतिहासिक घटना को बंदिशों से आजादी के रूप में रेखांकित किया। जम्मू-कश्मीर की गैर भाजपाई स्थानीय राजनीतिक पार्टियां अनुच्छेद 370 निरस्त किए जाने को लेकर चाहे जितनी आलोचना करें या शोर मचाएं, लेकिन इस घटना ने दो स्थितियां निर्णायक तौर पर स्पष्ट कर दी हैं।
पहली, यह कि यहां आतंकवाद की घटनाओं में उल्लेखनीय रूप से कमी आई है, जिसका श्रेय केंद्र सरकार और सुरक्षा बलों को दिया जाना चाहिए। अगस्त, 2020-19 के बाद आतंकी हमलों में नागरिक और सुरक्षाकर्मियों के मारे जाने में कमी आई है।
केंद्रीय गृह मंत्री की घोषणा के मुताबिक आतंकवादी घटनाओं में 70 फीसद की गिरावट आई है और नागरिकों के मारे जाने के मामले में 81 फीसद और सुरक्षाबलों के मारे के मामले में 48 फीसद की कमी दर्ज की गई है।
जम्मू-कश्मीर जैसे अशांत क्षेत्र में शांति लाने का यह बड़ा प्रयास है। इसका दूसरा बिंदु अनुच्छेद 370 के नाम पर लोगों को गुमराह करने वाले केवल कुछ राजनीतिक परिवारों के आर्थिक हितों पर चोट पहुंची है।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण के दौरान जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल करने और लोकप्रिय सरकार के गठन के लिए विधानसभा चुनाव कराने का कोई उल्लेख नहीं किया। जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल करना और राजनीतिक प्रक्रिया की शुरुआत करना समय की मांग है।
इस काम में जितनी देर होगी वहां के नागरिकों में बेचैनी बढ़ेगी और सरकार की ओर से किए जा रहे विकास कार्य और शांति के प्रयास सभी पर पानी फिर जाएगा।
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