हास्यास्पद विचार
हिमाचल प्रदेश के मंडी स्थिति भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) के निदेशक लक्ष्मीधर बेहरा ने बेहद विवादित बयान दिया है।
![]() हास्यास्पद विचार |
बेहरा ने कहा पशुओं पर क्रूरता के कारण प्रदेश में भूस्खलन व बादल फटने की घटनाएं हो रही हैं। उन्होंने छात्रों से आह्वान करते हुए दावा किया कि अगर हम ऐसा करते रहे तो प्रदेश में और गिरावट आएगी। आप वहां जानवरों को मार रहे हैं, खासकर निदरेष जानवरों को। इसका पर्यावरण क्षरण के साथ ही सहजीवी संबंध भी है। बार-बार भू-स्खलन, बादल फटना और कई चीजें होने को उन्होंने इससे जोड़ा। उनके अनुसार ये सभी पशुओं पर क्रूरता का प्रभाव है।
सोशल मीडिया पर इस बयान पर विवाद खड़ा हो गया। तमाम इंजीनियर व आईआईटी के प्रोफेसरों ने इसे बेबुनियादी तर्क कहते हुए खारिज किया। बीते साल भी बेहरा के दावे पर काफी मसखरी की गई थी। उनके यह कहने पर कि मंत्रों के जाप से बुरी आत्माओं से छुटकारा मिलता है। यह उन्होंने अपने दोस्त व उसके परिवार के साथ करके देखा है। शिक्षित होने के बावजूद धार्मिक आडंबरों व रूढ़ियों के दबाव में रहने वाले परिवारों के बच्चे अकसर इस तरह की बातें करते हैं।
मगर उच्चतम शैक्षणिक संस्धान के प्रतिशिष्ठित पद पर बैठे शिक्षक की ये बातें न केवल हास्यास्पद कही जाएंगी बल्कि उनके ज्ञान पर भी संदेह व्यक्त किया जाएगा। इस तरह की दकियानूसी बातें करके वे न केवल अपनी बल्कि वैश्विक पटल पर देश की छवि भी धूमिल कर रहे हैं। दुनिया का बहुत बड़ा वर्ग मांसाहारी है।
अपने ही देश की सत्तर फीसद आबादी पारंपरिक तौर पर मांसादि खाती है। फिर उसका असर बेहरा को केवल उक्त प्रदेश पर ही कैसे नजर आया? तर्कहीन बातें करना और निजी विचारों के चश्मे से समूचे समाज को व्याख्यायित करना छिछली सोच का नतीजा है। ऐसे अध्यापकों से यह उम्मीद रखना ही बेमानी है कि वे अपने छात्रों को सर्व वगरे का सम्मान व मानवता का पाठ पढ़ाएंगे। राज्य व केंद्र सरकारइस तरह के बे-सिर पैर के बयानों पर उन्हें दंडित करे और सार्वजनिक तौर पर माफी मांगने को कहे। उन्हें ऐसे किसी अध्ययन का जिम्मा देकर शोध कराया जाए, जिसके नतीजों से उनका और दुनिया भर का लाभ हो सकता है।
Tweet![]() |