सत्ता-हित, राष्ट्र-अहित

Last Updated 06 Sep 2023 01:39:09 PM IST

तमिलनाडु (Tamil Nadu) के युवा द्रमुक नेता एवं मंत्री उदयनिधि स्टालिन (Udaynidhi Stalin) ने ‘सामाजिक समरसता एवं न्याय की स्थापना के लिए सनातन धर्म को नेस्तनाबूद करने का ऐलान’ किया है। उनको लगता है कि ‘सनातन धर्म (Sanatan Dharma) डेंगू, मलेरिया और कोविड-19 जैसी महामारी है, जिसका खात्मा जरूरी है’।


सत्ता-हित, राष्ट्र-अहित

इस बयान की देश-समाज के हरेक स्तर पर तीव्र प्रतिक्रिया हुई है। उदयनिधि अपने कहे को वापस लेने या इस पर माफी मांगने को भी राजी नहीं है। उदयनिधि कोई बौद्धिक-राजनीतिक नहीं हैं और मंत्री होने की उनकी एकमात्र योग्यता इतनी है कि वे पांच बार मुख्यमंत्री रहे एम करु णानिधि के पोते हैं और उनके पिता एमके स्टालिन वर्तमान में मुख्यमंत्री हैं।

इस विवाद पर पानी डालने की कोशिश नहीं की जा रही है। द्रमुक नेता टीकेएस एलानगोवन ने कहा दिया है कि सनातन धर्म को तमिलनाडु में घुसने की इजाजत नहीं देंगे। यह सब क्या है? इसके पीछे ध्रुवीकरण की राजनीति है, जिसमें वोट बैंक की हिफाजत की चिंता है। उदयनिधि के निंदित वक्तव्य का उत्स उस राजनीति में है, जो विरोध की घोर निंदित, असभ्य शब्दावली एवं बर्बर तरीकों में ही अपने प्राणवायु लेता है।

इसकी बुनियाद ‘द्रविड़ आंदोलन के पिता’ कहे जाने वाले पेरियार ईवी रामास्वामी ने जातिविहिन-शोषणविहिन समाज, लैंगिक समानता एवं महिलाओं के सशक्तिकरण एवं ब्रह्रमणवादी प्रतीकों के विनाश के लिए चलाए गए आंदोलन में रखी थी, जिसने द्रविड़ पहचान को जन्म दिया। उसमें सनातन धर्म से परहेज के नाम पर समूचे उत्तर भारत, खास कर हिंदी के वर्चस्व से विरोध था। इसमें कोई शक नहीं कि पेरियार के प्रयासों से जाति व्यवस्था को तोड़ने में मदद मिली पर यह ठीक उसी तरह से कायम नहीं रह सका जैसा कि गांधी का प्रभाव कांग्रेस से लेकर अन्य सियासत दलों पर शुरुआती दौर जैसा नहीं रहा-बस उनके नाम-जप के सिवा।

द्रमुक दशक बाद सत्ता में लौटी है और वह अन्नाद्रमुक को साथ लेकर भाजपा के जारी अभियानों से दबाव अनुभव करती है। भाजपा चूंकि सनातनी प्रतीकों के जरिए आती है, इसलिए इसके प्रयासों के परिणामदायक होने देने के पहले ही उसके बुनियादी मूल्यों पर हमला जरूरी है। जाहरि है कि इस बयान ने ध्रुवीकरण को तेज किया है और ‘इंडिया’, जिसका द्रमुक भी एक हिस्सा है, उस पर हमले के लिए एनडीए को आसानी से अस्त्र थमा दिया है। इसने ‘इंडिया’ को भी बांट दिया है। यह वक्तव्य उसकी संभावनाओं के विरु द्ध किया गया गोल है।



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