सुविधा के साथ सुरक्षा जरूरी
रक्षाबंधन पर उत्तर प्रदेश में रोडवेज व सिटी बस में महिलाओं के लिए निशुल्क यात्रा का आदेश दिया गया है।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य भर में कहीं भी जाने के लिए माताओं/बहनों को उपहार स्वरूप यह सुविधा मुहैया की है।
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यह सुविधा 31 अगस्त की मध्य रात्रि तक जारी रहेगी। लखनऊ, कानपुर, मेरठ, प्रयागराज, वाराणसी, गाजियाबाद, अलीगढ़, मुरादाबाद, झांसी, बरेली, गोरखपुर, शाहजहांपुर, आगरा, मथुरा-वृंदावन आदि जगहों में नगरीय बसों में महिलाएं रक्षाबंधन के अवसर पर निशुल्क यात्रा कर सकेंगी। दिल्ली सरकार द्वारा पिछले कई वर्षो से डीटीसी की बसों में त्योहारों के दरम्यान महिलाओं को निशुल्क यात्रा का तोहफा दिया जाता रहा है। पिछले सालों से दिल्ली सरकार ने महिला यात्रियों के लिए पूरे साल मुफ्त बस यात्रा की व्यवस्था करके नये प्रतिमान गढ़े जिन्हें बाद में कुछ अन्य राज्य सरकारों ने भी अपनाया।
हालांकि उप्र की जनसंख्या और इसके क्षेत्रफल को देखते हुए ऐसी किसी भी सुविधा की व्यवस्था परिवहन निगम के लिए दुष्कर कार्य है परंतु आर्थिक रूप से कमजोर तबकों, आश्रितों, उम्रदराज महिलाओं और पैसों की तंगी से जूझने वाली बहनों के लिए यह सुविधाजनक तथा उत्साहवर्धक यात्रा साबित होती है। अभी भी अपने समाज में महिलाओं का बड़ा वर्ग ऐसा है, जो हाशिए पर ही रह जाता है। उनकी छोटी-छोटी इच्छाएं, त्योहारों का आनंद लेने की तमन्नाएं और उत्सवधर्मिता को इस तरह के प्रयासों से आसानी से पूरा किया जा सकता है। लोक सभा चुनाव का वक्त जैसे-जैसे करीब आता जाएगा, सरकारें लोकलुभावन सुविधाओं की चाशनी चढ़ानी शुरू कर देंगी।
आम जनता भी इसे भली-भांति समझने लगी है। महंगाई, बेरोजगारी और सुविधाहीनता का दंश इन महिलाओं को ही भुगतना पड़ता है। सरकारी सुविधाओं के बूते त्योहारी रीति-रिवाज का भरपूर आनंद ले सकेंगी। इसके दरम्यान भीड़-भड़क्के से उनकी सुरक्षा का मसला भी खड़ा हो सकता है। सुविधाएं देना जितना जरूरी है, उतना ही जरूरी है महिलाओं को यात्रा के दौरान सुरक्षित रखना। छेड़छाड़ और धक्कमधक्की से बचाना। गंतव्य तक सुरक्षित पहुंचाना भी सरकार को अपनी जिम्मेदारी मानना चाहिए। इन छोटी-छोटी सुविधाओं के अतिरिक्त महिलाओं की संपूर्ण सुरक्षा का जिम्मा सरकारों को अपने कंधों पर बखूबी रखना चाहिए।
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