राजस्थान सरकार का सराहनीय कदम
महिलाओं व लड़कियों व बच्चियों से छेड़छाड़ करने वालों को अब राजस्थान में सरकारी नौकरी नहीं मिलेगी। राज्य सरकार ने फैसला किया है कि दुष्कर्म के प्रयास करने वालों, दुष्कर्म के आरोपितों एवं मनचलों को सरकारी नौकरी नहीं मिलेगी।
![]() सराहनीय कदम |
इनके चरित्र प्रमाणपत्र में इसका उल्लेख कर दिया जाएगा। हिस्ट्रीशीटरों की तरह इन मनचलों का भी पुलिस थानों में रिकॉर्ड रखा जाएगा। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अधिकारियों से कहा कि महिलाओं और कमजोर वर्ग के खिलाफ अपराधों को रोकना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।
उन्होंने कहा कि आदतन छेड़छाड़ करने वालों का अलग से रिकार्ड रखा जाना जरूरी है। आरपीएससी व कर्मचारी चयन बोर्ड को यह डेटाबेस दिया जाएगा जिससे उनका आवेदन तुरंत रिजेक्ट हो जाए। गहलोत ने ये आदेश ऐसे वक्त पर दिया है, जब राज्य से महिलाओं के खिलाफ व्यभिचार की वारदात लगातार बढ़ रही हैं। नन्हीं बच्चियों के रेप थम नहीं रहे।
भीलवाड़ा में पांच साल की मासूम को रेप के बाद जिंदा जलाए जाने वाली घटना ने देश भर को झकझोर दिया है। नैशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो के अनुसार देश भर में हर रोज 80 से 90 बलात्कार होते हैं। सख्त नियमों व कड़े कानूनों के बावजूद इन पर कोई रोक नहीं लग रही बल्कि साल दर साल इन अपराधों में बढ़ोतरी होती जा रही है। ऐसे में राज्य सरकारों की जिम्मेदारी है कि वे प्रशासन को मुस्तैद करें और उनकी जवाबदेही तय करें।
हालांकि जब मुख्यमंत्री अधिकारियों को स्त्रियों व कमजोर वर्ग के खिलाफ अपराधों पर लगाम लगाने की बात कर रहे हैं तो बाकी की जनता को क्यों छोड़ दे रहे हैं। बुजुगरे, पुरुषों समेत अन्य सभी लोगों के खिलाफ भी अपराधों को रोकने में सरकारें असफल ही हैं। समाज को पूर्ण रूप से अपराधमुक्त बनाना निश्चित तौर पर नामुमकिन है। मगर इस दिशा में सार्थक प्रयास लगातार होते रहने चाहिए। किसी भी राज्य की यह जिम्मेदारी है कि जनता को पूर्ण रूप से सुरक्षा प्रदान करे।
इस लिहाजन यह कदम स्वागतयोग्य है। अपने समाज में सरकारी नौकरियों के प्रति अभी भी गजब का आकषर्ण है। इसलिए नौकरी मिलने पर लगी पाबंदी उनको भयभीत करने का काम करेगी। दरअसल, सड़कों, गलियों तथा सार्वजनिक स्थलों पर बेरोजगार युवकों का जमावड़ा लगा रहता है जो आती-जाती महिलाओं/बच्चियों पर फब्तियां कसते हैं। अश्लील इशारे व गंदी हरकतें करते हैं। इन सबसे बचने के लिए इस तरह की सख्ती बेहद जरूरी है ताकि कुछ सुधार आता रहे।
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