PM Modi की ऑस्ट्रेलिया यात्रा के बाद रिश्तों में आई गरमाहट
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) की तीन दिवसीय ऑस्ट्रेलिया यात्रा (modi visit australia) से दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय रिश्ते और रणनीतिक साझेदारी और अधिक मजबूत हुए हैं।
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नई दिल्ली (New Delhi) और कैनबरा के द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत बनाने और नई ऊंचाइयों पर ले जाने का श्रेय प्रधानमंत्री मोदी को दिया जाना चाहिए। नरेन्द्र मोदी 2014 में भारत के प्रधानमंत्री बने और उसी वर्ष नवम्बर में उन्होंने ऑस्ट्रेलिया की राजकीय यात्रा की। उनके पहले 1986 में तब के प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने कैनबरा की यात्रा की थी।
कहा जा सकता है कि करीब तीस वर्षो का कालखंड ऐसा रहा जिसमें किसी भी भारतीय प्रधानमंत्री को ऑस्ट्रेलिया की याद नहीं आई। या हो सकता है कि उस समय का वैिक परिदृश्य ऐसा नहीं था कि भू-राजनीतिक दृष्टि से ऑस्ट्रेलिया भारत के लिए बहुत महत्त्व नहीं रखता हो। प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा इस अर्थ में ज्यादा महत्त्वपूर्ण है कि दोनों देशों के रिश्ते अब आम जनता के स्तर तक पहुंच गए हैं।
भारतीय मूल के लोगों के एक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी के साथ ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज, वहां के पूर्व प्रधानमंत्री और विपक्ष के नेताओं की उपस्थिति यह बताती है कि ऑस्ट्रेलिया के लिए भारत कितना महत्त्वपूर्ण हो गया है। भारत के लिए भी ऑस्ट्रेलिया कितना महत्त्वपूर्ण है, यह इस बात से रेखांकित होता है कि कैनबरा की यह यात्रा क्वाड शिखर सम्मेलन के लिए आयोजित हुई थी। लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने घरेलू संकट के कारण यहां उपस्थित होने का अपना कार्यक्रम रद्द कर दिया था।
ऐसे में प्रधानमंत्री मोदी ऑस्ट्रेलिया की अपनी यात्रा को रद्द भी कर सकते थे लेकिन उनको अपने कार्यक्रम के अनुसार वहां जाना अनिवार्य लगा। यह दर्शाता है कि ऑस्ट्रेलिया भारत के लिए कितना अहमियत रखता है। प्रधानमंत्री मोदी ऑस्ट्रेलिया के साथ द्विपक्षीय रिश्तों में निरंतरता बनाए रखना चाहते हैं। इंडो-पैसिफिक में चीन की बढ़ती आक्रामकता पर अंकुश लगाने के लिए क्वाड में जापान, अमेरिका के साथ भारत और ऑस्ट्रेलिया इसके सदस्य हैं।
इस यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष एंथनी से हाल ही में वहां के मंदिरों में हुए हमलों और खालिस्तानी तत्वों की गतिविधियों का मामला भी जोरदार ढंग से उठाया। एंथनी ने प्रधानमंत्री मोदी को जिस तरह से बॉस कहकर संबोधित किया उससे लगता है कि आने वाले दिनों में दोनों देशों के रिश्ते और प्रगाढ़ होंगे।
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