राजस्थान में बेची गयी बच्ची
राजस्थान (Rajasthan) में सात साल की बच्ची की शादी 28 साल के पुरुष से करा दी गई।
![]() राजस्थान में बेची गयी बच्ची |
धौलपुर जिले से पुलिस ने खेतों में बने आरोपी के मकान से बच्ची को बरामद किया। उसके हाथों पर मेंहदी लगी थी और पायल-बिछुए पहने थे। हालांकि वह पूछताछ में कुछ बता नहीं सकी। सूचना थी कि मनिया थाना इलाके के विरजापुरा गांव के भोपाल सिंह ने सात साल की बच्ची से 21 मई को शादी की।
उस मकान में मिली अन्य महिलाओं ने उसे अपना रिश्तेदार बताया। सख्ती से पूछने पर उन्होंने माना कि बच्ची को साढ़े चार लाख रुपये में खरीद कर ब्याह किया गया। यह मामला मासूम बच्ची से शादी के साथ ही खरीद-फरोख्त का भी बन गया। बालविवाह को लेकर हो रहीं सख्तियों के बावजूद चोरी-छिपे मासूम लड़कियों को लगातार ब्याहा जा रहा है।
आर्थिक समस्याओं से जूझने वाले परिवार अपनी नन्हीं बच्चियों का सौदा करने से भी नहीं झिझकते। यूनिसेफ के अनुसार भारत में प्रति वर्ष पंद्रह लाख लड़कियां बालिग होने से पहले ही ब्याह दी जाती हैं। 15-19 साल की तकरीबन 16 फीसदी लड़कियां इस समय शादीशुदा बताई जाती हैं।
रिवाजों, संस्कृति और सामाजिक-पारिवारिक दबाव की आड़ लेकर परिवार अपनी मासूम बच्ची की शादी कर देते हैं। कड़े नियमों-कानूनी पाबंदियों का भी उनमें भय नहीं रह जाता। हालांकि बीते दशक से बाल विवाहों की संख्या में लगातार गिरावट देखी जा रही है। शिक्षा की कमी और आर्थिक पिछड़ापन इसके पीछे मुख्य भूमिका निभाते हैं। खासकर अपनी बच्ची को धन के लोभ में बेमेल पुरुष के सुपुर्द करने वालों की मनोदशा का अंदाजा लगा पाना आसान नहीं है।
नशेबाज पिताओं की इस सौदेबाजी का मांएं विरोध भी नहीं कर पातीं। इस तरह के मामलों में चाइल्ड ट्रैफिकिंग की आशंका से भी इंकार नहीं किया जाना चाहिए। मासूम बच्चियों की खरीद-फरोख्त में जुटे खतरनाक गिरोह इसी तरह के हथकंडे अपना कर परिवार को चंगुल में फंसाते हैं।
एकमुश्त राशि चुका कर लड़कियों को वेश्यावृत्ति के धंधे में धकेलते हैं या विदेशों में सेक्स स्लेव बनाने के लिए बेच देते हैं। संदेह तो यह भी किया जाना चाहिए कि यह मामला सिर्फ सिरा भर हो जिसकी तहों के भीतर खौफनाक दरिंदों की फौज छिपी हो। इसे एक मासूम के बचाव की बजाय तमाम जिंदगियों को सुरक्षा देने का जरिया बनाया जाए।
Tweet![]() |