G-20 Tourism Working Group : भारत की साख बढ़ी

Last Updated 24 May 2023 01:26:59 PM IST

श्रीनगर (Srinaar) में जी-20 पर्यटन कार्यसमूह की तीसरी बैठक (Third Meeting of the G-20 Tourism Working Group) शुरू हो गई है। जम्मू-कश्मीर से संविधान का अनुच्छेद 370 निरस्त होने के बाद कश्मीर घाटी में पहला अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन हो रहा है।


भारत की साख बढ़ी

अनुच्छेद 370 को आधार बनाकर पाकिस्तान दुष्प्रचार कर रहा है जबकि चीन ने जम्मू-कश्मीर को ‘विवादित क्षेत्र’ बताकर सम्मेलन का बहिष्कार करने की घोषणा की है। लेकिन चीन और पाकिस्तान की इस साजिश को दरकिनार करके अमेरिका, ब्रिटेन, रूस जैसे 17 शक्तिशाली सदस्य देशों समेत 122 प्रतिनिधि सम्मेलन में हिस्सा ले रहे हैं।

ससे स्पष्ट होता है कि चीन की बहिष्कार करने की घोषणा प्रभावहीन हो गई है। जम्मू-कश्मीर को विवादित क्षेत्र बताना चीन की तुष्टीकरण की नीति का हिस्सा है जिसके तहत वह पाकिस्तान को हर हालत में खुश रखना चाहता है। भारत सरकार ने स्पष्ट तौर पर संसद में घोषणा की है कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख का पूरा केंद्रशासित प्रदेश भारत का अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा है। दूसरी ओर चीन में 1949 में कम्युनिस्ट पार्टी की सरकार बनी और उसके तुरंत बाद ही उसने पड़ोसी देशों की भूमि पर कब्जा करने की साजिश शुरू कर दी थी।

उसकी फाइव फिंगर की विवादित नीति है। इसके तहत वह तिब्बत के बाद लद्दाख, नेपाल, सिक्किम, भूटान और अरुणाचल प्रदेश पर कब्जा करना चाहता है। यह कम हास्यास्पद नहीं है कि चीन जम्मू-कश्मीर को विवादित क्षेत्र बताता है और स्वयं पड़ोसी देशों की भूमि पर अवैध रूप से कब्जा किया है। फरवरी, 2022 में विदेश राज्य मंत्री ने लोक सभा में एक सवाल के लिखित जवाब में जानकारी दी थी कि चीन ने भारत के केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख में करीब 38 हजार वर्ग किमी. क्षेत्र पर कब्जा कर रखा है।

लद्दाख में चीन का कब्जा करीब छह दशक से है। इसके अलावा, पाकिस्तान ने 1963 के तथाकथित चीन-पाकिस्तान सीमा समझौते के तहत अपने कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) का 5180 वर्ग किमी. का क्षेत्र चीन को सौंप दिया है। हालांकि भारत ने इस समझौते को कभी मान्यता नहीं दी है। कश्मीर घाटी में जी-20 पर्यटन कार्यसमूह की बैठक में 17 सदस्य देशों के प्रतिनिधियों के शामिल होने से साबित हो गया है कि जम्मू-कश्मीर को अंतरराष्ट्रीय बिरादरी भारत का अभिन्न और अविभाज्य हिस्से के रूप में मान्यता देती है। श्रीनगर का जी-20 पर्यटन कार्यसमूह सम्मेलन स्थल के रूप में चयन करना भारत की कूटनीतिक सफलता है।



Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment