खतरे की आहट
देश में इधर बढ़ते हुए कोरोना विषाणु के नये स्वरूप ओमीक्रोन के मामले चिंता पैदा करने वाले हैं।
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कोरोना विषाणु के इस नये स्वरूप ने 16 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों तक अपने पांव पसार लिये हैं। देशभर में अब तक 213 मामले सामने आ चुके हैं। राजधानी दिल्ली में ओमीक्रोन के सबसे अधिक 57 और महाराष्ट्र में 54 मामले सामने आए हैं। कोरोना महामारी के उन्मूलन के लिए देश में जिस तेजी से टीकाकरण अभियान चलाया गया उससे लगा था कि कोविड-19 महामारी अपने अंत के निकट आ गई है, लेकिन जिस तरह से रूप बदलकर इसकी वापसी हुई है, वह चौंकाने वाला भी है और डराने वाला भी।
महामारी विशेषज्ञों का मानना है कि ओमीक्रोन डेल्टा स्वरूप की तुलना में 3 से 5 गुना ज्यादा तेजी से संक्रमित करने वाला वायरस है। यही वजह है कि ओमीक्रोन ने केंद्र और राज्य सरकारों की नींद उड़ा दी है। क्रिसमस का त्योहार दूसरी बार कोरोना का सामना कर रहा है। कल क्रिसमस है और इसके बाद नये साल का जश्न शुरू हो जाएगा। जाहिर है कि ऐसे में कोरोना के मामले बढ़ सकते हैं। इसी आशंका को देखते हुए दिल्ली, पंजाब और हरियाणा की सरकारों ने सख्ती बढ़ा दी है।
दिल्ली में क्रिसमस और नये साल के अवसर पर आयोजित होने वाले सांस्कृति कार्यक्रमों पर पाबंदी लगा दी गई है। पंजाब में सरकारी कर्मचारियों को वैक्सीन प्रमाण-पत्र जमा करने पर ही वेतन मिल पाएगा। सरकार के इस कदम का स्वागत किया जाना चाहिए क्योंकि अभी भी बहुत से लोग कोरोनारोधी टीका लगवाने के लिए आगे नहीं आ रहे हैं। यह सच है कि कोरोना के मामले जैसे-जैसे कम होना शुरू हुए, लोग लापरवाह हो गए। सामाजिक समारोह हो या धार्मिक आयोजन सभी में यह देखा जाने लगा कि लोग न तो सामाजिक दूरी का पालन कर रहे हैं और न ही मास्क लगा रहे हैं।
उत्तर प्रदेश, पंजाब और उत्तराखंड के चुनाव से संबंधित राजनैतिक रैलियों में तो यह लापरवाही निरंकुश रूप से देखी जा रही है। ऐसी स्थिति में सरकार को नियमों और सावधानियों से संबंधित अपनी प्रशासनिक व्यवस्था को और चुस्त-दुरुस्त करना होगा। लोगों को महामारी के प्रति जागरूक करने के लिए प्रचार-प्रसार को और तेज करने की जरूरत है। केंद्र और राज्य सरकारों को निरंतर चेतावनियां जारी करनी चाहिए ताकि लोग सुरक्षा मानकों को अपनी आदत का हिस्सा बना लें। अगर ऐसा नहीं होता है तो हालात एक बार फिर काबू से बाहर हो सकते हैं।
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