अलविदा जनरल
देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी समेत 13 सैन्य अफसरों की मौत वाकई देश के लिए स्तब्धकारी घटना है।
![]() चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत |
अब तक की जानकारी के मुताबिक तमिलनाडु के कुन्नूर में नीलगिरी की पहाड़ियों में खराब मौसम, कम दृश्यता और तकनीकी खामी इस भयानक हादसे की प्रमुख वजह मानी जा रही है। हालांकि ये लोग वायुसेना के जिस एमआई 17वी-5 विमान में सवार थे, वह तकनीकी कौशल में बेजोड़ है।
हेलीकॉप्टर में वेदर रडार व अत्याधुनिक नाइट विजन भी मौजूद रहता है। यानी इतना उन्नत और हर तरह की बाधाओं से पार पाने वाला सैन्य विमान इतनी आसानी से खराब मौसम के जाल में फंस जाएगा, यकीन करना मुश्किल है। फिलहाल इस दुखद हादसे को लेकर कई तरह की बातें सोशल मीडिया और आमजनों के बीच हो रही हैं, इस नाते इस घटना की उच्चस्तरीय तफ्तीश तय समय के भीतर होनी चाहिए।
देश को यह सच जानने का हक है और उम्मीद है कि सरकार इस मसले को नजरअंदाज नहीं करेगी। निश्चित तौर पर जनरल बिपिन लक्ष्मण रावत उत्कृष्ट सैनिक और सच्चे देशभक्त थे। उन्होंने सेना के आधुनिकीकरण और स्वदेशी टच देने में अहम योगदान दिया। सामरिक मुद्दों पर उनकी सोच और सलाह का हर इक शख्स कायल था। चाहे वह चीन के साथ पिछले डेढ़ साल से ज्यादा समय से चली आ रही तनातनी रही हो या पाकिस्तान द्वारा कश्मीर और अन्य हिस्सों में आतंकवादी वारदात को अंजाम देने की साजिश रचने की बात हो।
रावत ने हमेशा आक्रामकता के साथ इन देशों को उन्हीं की भाषा में जवाब देने की परिपाटी शुरू की। खासकर चीन को लेकर उनकी बयानबाजी से चीन की सरकार काफी असहज भी हुई और चीन को यह कहना पड़ा कि जनरल रावत के इस तरह के तीखे बयानों से दोनों देशों के रिश्तों में खटास आएगी।
स्वाभाविक है कि जनरल रावत ने भारतीय सेना को इस लायक बनाया कि वह हाल के वर्षो में बदले स्वरूप में दिखने लगी। उनकी छवि साहसिक फैसले लेने वाले, विजनरी और बेहद ईमानदार शख्स की रही है। वो रिस्क लेने से हिचकते नहीं थे और कहने से ज्यादा करने में यकीन करते थे। जनरल रावत के असमय निधन से सेना में टॉप लेवल के अफसरों का खालीपन भी झलकता है। एकीकृत थियेटर कमांड की संकल्पना उन्हीं की थी। काश यह काम वह जीते जी पूरा कर पाते। मृतकों को श्रद्धांजलि।
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