भारत को झटका
टीम इंडिया विश्व कप मुकाबलों में पाकिस्तान के खिलाफ अपने अजेय सिलसिले को बनाए नहीं रख सकी।
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बाबर आजम की अगुआई वाली पाकिस्तान टीम ने जिस एकतरफा अंदाज में उसे 10 विकेट से हराया, वह कष्ट देने वाला है। यह सही है कि एक हार से अभियान खत्म नहीं होता। अब भी भारतीय टीम आगे शानदार प्रदर्शन करके खिताब जीत ले तो इस समय हो रहीं आलोचनाओं की जगह तारीफें ले लेंगी।
यह सही है कि प्रशस्ति हमेशा उगते सूरज की ही की जाती है। मैच से पहले पाकिस्तान के पूर्व कप्तान इंजमामुल हक द्वारा कही बात किसी हद तक सही साबित हो गई। उन्होंने कहा था कि विश्व कप में भारतीय टीम पाकिस्तान से कभी हारी नहीं है, इसलिए इस सिलसिले को बनाए रखने का दवाब भारत पर होगा।
हमारी टीम लगातार हारती रही है, इसलिए खुलकर खेल सकती है। हुआ भी यही, हम दवाब में अपना बेस्ट देने में सफल नहीं हो सके। इसके अलावा विराट पर अपनी कप्तानी में अब तक कोई आईसीसी ट्रॉफी नहीं जीतने का दवाब भी रहा होगा। पाकिस्तान का प्रदर्शन तो इस जीत का हकदार था, साथ में हमारी कुछ गलतियों ने भी उनका काम थोड़ा आसान जरूर कर दिया।
पहले तो हार्दिक पांडय़ा को एक ऑलराउंडर के बजाय सिर्फ एक बल्लेबाज के तौर पर खिलाने से भारत को पांच गेंदबाजों के साथ खेलने को मजबूर होना पड़ा। इससे किसी गेंदबाज के पिटने पर हमारे पास उसको बदलने का विकल्प ही नहीं था। टीम प्रबंधन ने इस मैच में वरुण की जगह रविचंद्रन अश्विन को खिलाया होता तो कहीं बेहतर प्रदर्शन हो सकता था। इस मैच में हार्दिक या भुवनेर की जगह शादरुल ठाकुर का होना बेहद जरूरी था।
अब भारत के लिए पाकिस्तान से हारने के बाद 31 अक्टूबर को न्यूजीलैंड से होने वाले मुकाबले को जीतना बेहद जरूरी हो गया है, ऐसा करने से ही उसे ग्रुप में पहली दो टीमों में स्थान बनाने में आसानी होगी। पर दिक्कत यह है कि वह विश्व कप में न्यूजीलैंड से कभी जीता नहीं है। पर इस तरह का रिकॉर्ड पाकिस्तान के बाद तोड़ने की उनकी बारी है। ग्रुप की बाकी टीमों अफगानिस्तान, स्कॉटलैंड और नामीबिया को फतह करना ज्यादा मुश्किल नहीं होना चाहिए। हां, यह जरूर है कि पाकिस्तान से हार ने भारत की मुश्किलों को थोड़ा बढ़ा दिया है।
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