आखिर मिली मंजूरी

Last Updated 26 Jan 2021 02:52:23 AM IST

दिल्ली पुलिस ने आंदोलनरत किसानों को गणतंत्र दिवस के दिन ट्रैक्टर परेड निकालने की अनुमति देकर तनाव को कुछ हद तक कम किया है।


आखिर मिली मंजूरी

पुलिस ने किसान संगठनों को कुछ शतरे के साथ रैली करने की इजाजत दी है, लेकिन पुलिस पूरा बंदोबस्त करेगी कि ट्रैक्टर परेड के दौरान किसी प्रकार की गड़बड़ी न होने पाए। जिन-जिन मार्गों से किसान अपने ट्रैक्टरों पर सवार होकर गुजरेंगे वहां पर बड़ी संख्या में पुलिस बल और सुरक्षा बलों के जवान तैनात रहेंगे।

किसान नेताओं ने आश्वस्त किया है कि राजपथ पर गणतंत्र दिवस परेड के आयोजन उपरांत ट्रैक्टर परेड निकालेंगे। ट्रैक्टरों से ट्रालियां नहीं जोड़ेंगे। दरअसल, जैसे खुफिया इनपुट्स मिले हैं, और जैसा कि किसानों ने एक लाख से ज्यादा ट्रैक्टरों की परेड निकालने का दावा किया है, उसे देखते हुए पुलिस किसी तरह की चूक नहीं करना चाहती। इसलिए उसने पहले से ही किसान नेताओं के साथ कई दौर की बैठक करके ट्रैक्टर परेड के रूट चिह्नित कर लिए हैं। उनसे लिखित में आश्वासन भी लिया है कि तयशुदा रास्तों से विचलन नहीं करेंगे।

दिल्ली पुलिस को शंका है कि ट्रैक्टर परेड के दौरान कुछ तत्व गड़बड़ी कर सकते हैं। दिल्ली पुलिस के विशेष आयुक्त (खुफिया) दीपेंद्र पाठक के मुताबिक, किसानों की ट्रैक्टर परेड को बाधित करने के लिए पाकिस्तान से 13 से 18 जनवरी के दौरान 308 से भी ज्यादा ट्विटर अकाउंट बनाए गए हैं। इस बारे में विभिन्न एजेंसियों से एक सी जानकारी मिली है। इसलिए दिल्ली पुलिस सुरक्षा को पूरी तरह चाक-चौबंद रखना चाहती है। ट्रैक्टर परेड तयशुदा रूट्स पर ही निकाली जाएगी। परेड के दौरान आपात चिकित्सा सुविधा की व्यवस्था करनी होगी। सिंघु, टीकरी और गाजीपुर बॉर्डर से शुरू होकर यह परेड दिल्ली में कुछ भीतर तक से गुजरते हुए वापस इन्हीं स्थानों पर पहुंच कर समाप्त होगी।

सिंघू बॉर्डर पर 62 किमी., टीकरी बॉर्डर पर 63 किमी. और गाजीपुर बॉर्डर पर 46 किमी. के दायरे में परेड निकालने की अनुमति दी गई है। तीनों बॉर्डरों से परेड का 100 किमी. से ज्यादा का रूट दिल्ली से होकर गुजरेगा। प्रत्येक ट्रैक्टर मालिक और ट्रैक्टर की जानकारी पुलिस अपने पास रखेगी। बड़े स्तर का आयोजन होने के कारण पुलिस ने किसानों से भी अपने स्वयंसेवक तैनात करने को कहा है। किसानों ने पुलिस के प्रस्तावों पर सहयोगात्मक रुख दिखाया है, उससे साफ है कि वे भी मानते हैं कि आंदोलन की आड़ में देशविरोधी तत्व नापाक मंसूबों को परवान चढ़ाने की साजिश रच सकते हैं।



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