फिर मिली सुरंग
सांबा के बाद अब कठुआ में 150 मीटर लंबी सुरंग का मिलना निश्चित तौर पर सुरक्षाबलों के लिए बड़ी उपलिब्ध है।
फिर मिली सुरंग |
यह पर्दाफाश आमजन के लिए भी राहत भरी खबर है, क्योंकि आतंकी घुसपैठ खूनखराबा फैलाने के लिए ही अंजाम दी जाती रही है। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने पाकिस्तान से आतंकवादियों की घुसपैठ के लिए एलओसी के पास खुदी इस सुरंग का पता लगाकर पड़ोसी मुल्क की नापाक हरकत को बेपर्दा कर दिया है।
यह इलाका कठुआ जिले के हीरानगर सेक्टर के बोबिया गांव में पड़ता है। इस सुरंग का दूसरा सिरा पाकिस्तान के शंकरगढ़ में है, जिसे आतंकी लॉन्च पैड का गढ़ माना जाता है। निश्चित तौर पर गणतंत्र दिवस पर गड़बड़ी के इरादे से पाकिस्तान इस सुरंग के जरिये आतंकवादियों की घुसपैठ की साजिश रच रहा है। हालांकि यह तफ्तीश का बिंदु है कि क्या इसका पता चलने से पहले आतंकियों की घुसपैठ हुई थी या नहीं? बीते छह महीने में यह तीसरी सुरंग है, जिसका पता बीएसएफ ने लगाया है। वहीं बीते 10 सालों में मिलने वाली यह नौंवी सुरंग है। पिछले साल ही सुरक्षाबलों ने दो सुरंग खोजी थी। खैर, नीति और नैतिकता की बात पाकिस्तान की समझ से बाहर की बात है। उसे तो बस निदरेषों का खून बहाने में ही आनंद आता है।
बार-बार वैश्विक बिरादरी में अपनी इज्जत उछलने के बावजूद पाकिस्तान सुधर नहीं रहा है। कभी सीधे तौर पर भारत में आतंकवादियों को भेजकर हिंसा फैलाना तो कभी यहां के युवकों को भ्रम जाल में फंसाकर भारत विरोधी कामों में उनका इस्तेमाल करना ही पाकिस्तान की फितरत बन गया है। भारत उसकी इस साजिश को बहुत अच्छे से समझ चुका है। यही वजह है कि पाकिस्तान हर मोच्रे पर भारत को किसी-न-किसी मसले में उलझा कर अपनी साजिशों को पूरा करना चाहता है। इस गंदी चाल में उसका साथ चीन भी देता है। चीन की शह पर ही पाकिस्तान भारत के खिलाफ हमेशा आक्रामक भूमिका में रहता है।
ठीक है कि बीएसएफ ने सटीक सूचना पर इस तरह की नापाक हरकत का पर्दाफाश कर दिया, मगर ज्यादा जरूरी है कि वह राज्य से लगती अन्य अंतरराष्ट्रीय सीमा पर भी चौकस निगाह रखे। जम्मू के रास्ते आतंकियों की खेप भारत पहुंचाने के लिए पाकिस्तान ज्यादा बेताब है। यही वजह है कि तीन महीने में यह जम्मू के पास मिलने वाली यह तीसरी सुरंग है। स्वाभाविक तौर पर भारत को ज्यादा सतर्क और हमलावर अंदाज में रहना होगा।
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