नये वायरस से चिंता
ब्रिटेन से भारत लौटे लोगों में से छह के नमूनों में सार्स-सीओवी2 यानी कोरोना वायरस का नया रूप (स्ट्रेन) पाए जाने से देश के आम नागरिकों में भय और दहशत व्याप्त है।
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हालांकि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के पास अभी इस बात का कोई पुख्ता प्रमाण नहीं है कि देश में कितने लोग कोरोना के नये रूप की चपेट में हैं। माना जा रहा है कि ब्रिटेन में सितम्बर के महीने में नया रूप प्रकट हुआ था। 25 नवम्बर से 23 दिसम्बर के बीच करीब 33 हजार यात्री ब्रिटेन से भारत आए हैं। चिंता की बात यह है कि इनमें से किसी की भी जांच नहीं हुई। अब सरकार जागी है। ब्रिटेन से लौट कर देश के विभिन्न हिस्सों में गए इन यात्रियों में से अब तक 114 लोग संक्रमित पाए गए हैं।
सबसे बड़ी दिक्कत यह पेश आ रही है कि ब्रिटेन से इस दौरान भारत पहुंचे लोग देश के विभिन्न स्थानों पर फैल चुके हैं। उस पर मुश्किल यह भी दरपेश है कि पिछले एक वर्ष के दौरान कोरोना वायरस कई रूप बदल चुका है। वैज्ञानिक तथ्य यह है कि वायरस अपना रूप बदलता रहता है। कुछ जल्दी बदलते हैं, कुछ देर से अपना रूप बदलते हैं। यह नैसर्गिक प्रक्रिया है। इसी के चलते आम जन ही नहीं, बल्कि देशों में भी चिंता व्याप गई है। बहरहाल, मनुष्य अगर वायरस से होने वाले संक्रमण का इलाज ढूंढ़ लेता है, तो वायरस संक्रमित करने के नये-नये रास्ते ढूंढ़ लेता है। कोरोना वायरस का जो नया रूप सामने आया है, वह पहले से अधिक घातक है और सत्तर प्रतिशत तेजी से संक्रमित कर सकता है।
हालांकि कोरोना वायरस के नये रूप को लेकर दुनियाभर में व्याप्त चिंता और आशंका के बीच चिकित्सा वैज्ञानिकों ने लोगों को आश्वस्त किया है कि विकसित की गई या विकसित की जा रही कोरोना-रोधी वैक्सीन वायरस के इस नये रूप के विरुद्ध भी कारगर होगी। इस आश्वासन के बावजूद मानव जाति और वायरस के बीच चल रहा संघर्ष अभी लंबे समय तक जारी रहेगा। यह कहना मुश्किल है कि यह जंग कब तक जारी रहेगी और दुनिया को इसकी और कितनी कीमत चुकानी पड़ेगी। लेकिन देशवासियों को कोरोना वैक्सीन से संबंधित अच्छी खबर देर-सबेर मिल सकती है। ब्रिटेन ने बुधवार को कोरोना वैक्सीन को विश्व में इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी दे दी है। भारत इसी बात का इंतजार कर रहा था। उम्मीद है कि भारत के दवा नियंत्रक की सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी में भी देश में इस वैक्सीन के इस्तेमाल की मंजूरी मिल जाएगी और आम लोगों को यह वैक्सीन जल्द ही उपलब्ध हो सकेगी।
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