फिर लॉकडाउन की नौबत
दिल्ली में कोरोना संक्रमण के तेजी से बढ़ते मामलों से घबराई दिल्ली सरकार चाहती है कि बाजारों में स्थानीय स्तर पर सीमित रूप में लॉकडाउन की इजाजत मिले।
फिर लॉकडाउन की नौबत |
साथ ही, केजरीवाल सरकार ने शादी समारोहों में 200 के बजाय 50 लोगों के शामिल होने संबंधी अनुमति केंद्र सरकार से मांगी है। इस बाबत प्रस्ताव उपराज्यपाल के माध्यम से केंद्र सरकार को प्रेषित किया जा चुका है। दरअसल, दीवाली के त्योहार और इसके आसपास पड़ने वाले दिनों में अनेक पर्व मनाए जाते हैं। इन दिनों में लोगों ने कोरोना गाइडलाइंस का पालन करने में लापरवाही दिखाई। न तो ज्यादातर ने मास्क लगाए और न ही एक दूसरे से दो गज की दूरी बनाए रखने के निर्देश का ही पालन किया। इस दौरान बाजारों में जमकर खरीदारी की और सोशल डिस्टेंसिंग के नियम की धज्जियां उड़ा दीं। इससे कोरोना वायरस तेजी से फैला। हर दिन संक्रमित होने वालों की संख्या बढ़ने पर है।
मरने वालों की बढ़ती संख्या ने भी चिंता में डाल दिया है। बताया गया है कि कोविड-19 के मामलों की संख्या पांच लाख के करीब जा पहुंची है। इस महामारी से जान गंवाने वालों की संख्या 7,713 से ज्यादा हो गई है। जाहिर है कि स्थिति बेहद गंभीर है। केजरीवाल सरकार ने स्थिति से पार पाने के लिए नये सिरे से प्रयास आरंभ कर दिए हैं। दूसरी तरफ कांग्रेस ने बाजारों को सीमित तरीके से बंद करने की नीति को गलत करार देते हुए पूरी तरह से बाजार बंदी की मांग की है। मेट्रो का परिचालन पूरी तरह रोकने की बात कही है। लेकिन दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन का कहना है कि कोरोना वायरस की तीसरी लहर अपना चरम पूरा कर चुकी है। इसलिए पूरी तरह लॉकडाउन उचित नहीं होगा।
दूसरी तरफ, व्यापारी भी पूर्ण बंदी संबंधी किसी भी संभावित फैसले के विरोध में उतर आए हैं। गौरतलब है कि पूर्व में किए गए लॉकडाउन के कारण पांच हजार करोड़ का राजस्व घाटा हुआ था। पांच लाख करोड़ से ज्यादा के कारोबार का नुकसान हुआ था। लेकिन इन तथ्यों की अनदेखी भी नहीं की जा सकती कि आज की तारीख में 9 हजार से ज्यादा मरीज अस्पतालों में भर्ती हैं, दस दिनों में ही मरीजों की संख्या एक तिहाई बढ़ी है। बीते बृहस्पतिवार को पहली बार सर्वाधिक 104 कोरोना मरीजों की मौत हुई। तो हालात ऐसे हैं कि कड़े से कड़े फैसले को किसी भी लिहाज से गलत नहीं ठहराया जा सकता।
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