वैक्सीन से उम्मीदें
कोरोना महामारी से पिछले दस महीनों से जूझ रही दुनिया के लिए अच्छी खबरें आने लगीं हैं। दुनियाभर की अनेक दवा निर्माता कंपनियां कोरोना वायरस के टीके का विकास करने के अंतिम चरण में है।
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इन कंपनियों में सबसे अधिक सफलता अमेरिका की जैव प्रौद्योगिकी कंपनी मॉडर्ना को मिली है। कंपनी ने दावा किया है कि उसका टीका 94.5 फीसद प्रभावी है। इससे पहले फाइजर कंपनी भी दावा कर चुकी है कि उसका टीका 90 फीसद मामलों में सफल पाया गया। इन कंपनियों के दावों से कोरोना विषाणु को खत्म करने की दिशा में एक उम्मीद की किरण दिखाई दे रही है, लेकिन मॉडर्ना का टीका अगर बाजार में आ भी जाता है तो इससे हाल-फिलहाल भारत को कोई फायदा नहीं होने वाला है। क्योंकि इस कंपनी के साथ भारत सरकार का अभी कोई करार नहीं हुआ है, लेकिन भारत के लिए राहत की बात यह है कि यहां पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस संक्रमण के 30,548 नये मामले सामने आए जो चार महीनों में सबसे कम है। इसी तरह कोरोना वायरस संक्रमण के नये मामलों की तुलना में महामारी से स्वस्थ होकर घर लौटने वाले मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है, लेकिन दूसरी ओर राजधानी दिल्ली संक्रमण के मामले में सरकार और नागरिकों को चिंतित कर रही है।
यहां संक्रमण के नये मामले बढ़ने के साथ मृतकों की संख्या भी बढ़ रही है। दीपावली का त्योहार तो बीत गया, लेकिन छठ पर्व इसी सप्ताह मनाया जाएगा। जाहिर है कि त्योहारों के बाद संक्रमण के मामले और ज्यादा बढ़ सकते हैं। बढ़ते मामलों की गंभीरता को देखते हुए बीते रविवार को गृह मंत्री अमित शाह ने एक बैठक बुलाई थी, जिसमें दिल्ली के मुख्यमंत्री, उपराज्यपाल और अन्य अधिकारी भी शामिल थे। इस बैठक में महामारी को नियंत्रित करने से संबंधित कुछ महत्त्वपूर्ण निर्णय लिये गए हैं। इस बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल राजधानी में ‘मिनी लॉकडाउन’ करने पर विचार-विमर्श कर रहे हैं। इस योजना के तहत सरकार संक्रमण से प्रभावित बाजारों को बंद करने की घोषणा कर सकती है। दिल्ली में कोरोना की तीसरी लहर चलने की बात की जा रही है। हालांकि पिछला अनुभव बताता है कि दिल्ली का राजनीतिक नेतृत्व महामारी का सही आकलन नहीं कर सका था। अपेक्षा की जा रही है कि इस बार दिल्ली सरकार अगर ‘मिनी लॉकडाउन’ लागू करती है तो उसे खत्म करने के लिए जल्दबाजी नहीं करेगी।
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