कोरोना का बढ़ता कहर

Last Updated 16 Nov 2020 05:13:24 AM IST

वैश्विक महमारी कोरोना ने शुरुआती वक्त में तो कहर बरपाया ही, अब एक बार फिर से नवम्बर में वह डरावनी शक्ल में आ चुका है।


कोरोना का बढ़ता कहर

जिस रफ्तार से दिल्ली में कोरोना से इस माह मौतें हो रही हैं, वह वाकई चिंताजनक है। 12 नवम्बर को हुई 104 मौत के बाद आम लोगों में भी डर समा गया है। पिछले 12 दिनों में दिल्ली में कोविड से 821 मरीजों की जान गई है, औसतन रोज 68 मरीज की जान जा रही है। स्थिति यह है कि दिल्ली में हुए कुल मौत का लगभग 11 फीसद मौत नवम्बर के इन 12 दिनों में हुई है। रिपोर्ट के अनुसार 31 अक्टूबर तक दिल्ली में कोविड से 6,511 मरीजों की मौत हुई, लेकिन 12 अक्टूबर तक यह संख्या 7,332 हो गई है। इन 12 दिनों में 821 मरीजों की मौत हुई। रिपोर्ट पर गौर करें तो नवम्बर में पिछले 10 दिनों में होने वाले मौत का औसत भी बढ़ गया है।

अक्टूबर के अंत में पिछले 10 दिनों में मौत का औसत 0.83 फीसद था, लेकिन नवम्बर में पिछले 10 दिनों में मौत का औसत 1.03 पर्सेंट हो गया है। 0.20 फीसद मौत की दर में इजाफा हो चुका है। इसके पीछे साफ वजह लोगों की लापरवाही और सरकार की जल्दबाजी है। केजरीवाल सरकार ने लॉकडाउन की बंदिश हटाने में कुछ ज्यादा ही हड़बड़ी दिखाई, नतीजतन संक्रमण के मामले तो तेजी से बढ़े ही साथ में मौतें भी पहले के मुकाबले ज्यादा होने लगी। इसी तरह की चिंता की बात कोरोना से सर्वाधिक प्रभावित महाराष्ट्र के लिए भी है। यहां खबर है कि अगले साल कोरोना की दूसरी लहर आ सकती है। कई विशेषज्ञों का मानना है कि वक्त पर लोगों ने अगर समझदारी नहीं दिखाई तो वायरस का प्रसार जारी रह सकता है। स्वाभाविक तौर पर यह हर किसी के लिए बड़ी मुसीबत का सबब बन सकता है।

बीच के महीनों में हालात बेहतर हुए। इस सुधार का सबसे बड़ा कारण जनता में अनुशासन और सरकार की सख्ती भी थी, मगर अर्थव्यवस्था को गति देने की मजबूरी में सरकार ने जहां ढील देनी शुरू की वहीं आमजन भी बेपरवाह दिखे। दिल्ली के लिए चिंता की दोहरी वजह है। डॉक्टर का कहना है कि एक तरह से लोगों के ऊपर डबल अटैक हो रहा है और यह अटैक कमजोर इंसान बर्दाश्त नहीं कर पा रहा है, उनकी सांस टूट रही है, जो दिल्ली में बढ़ रही मौत की एक बड़ी वजह हो सकती है। चुनांचे, हर किसी को पहले से ज्यादा सतर्क रहना होगा।



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