दिखाना होगा सब्र
वैश्विक महमारी कोविड-19 से भारत को थोड़ी राहत मिलने की खबर है।
दिखाना होगा सब्र |
पिछले कुछ दिनों से कोरोना संक्रमित मरीजों के स्वस्थ होने की दर आने वाले मरीजों से ज्यादा रही है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय भी इस बात की पुष्टि करता है कि सिर्फ 11 दिन में ही 10 लाख से अधिक मरीज स्वस्थ हुए हैं, जबकि 12 दिन में 10 लाख नये मरीज बढ़े हैं। कह सकते हैं कि कोरोना को लेकर जो आशंकाएं और डर लोगों के मन में था, वह दूर होने की उम्मीद जगी है। खास बात यह है कि देश में सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य महाराष्ट्र समेत करीब सभी प्रमुख राज्यों में नये मामलों में भारी कमी आई है। कुल मामलों की बात करें तो देश में अभी संक्रमितों का आंकड़ा 60 लाख से ज्यादा पहुंच चुका है। वहीं मरने वालों की तादाद 96 हजार से ज्यादा हो चुकी है। पिछले 24 घंटों में ही 778 लोगों की मौत हो चुकी है।
इसके बावजूद कोरोना की रफ्तार जिस हिसाब से बढ़ती जा रही थी, उसपर ब्रेक लगी है। यह वाकई सुखद है। मगर इसे बरकरार रखने की जरूरत है। चूंकि आने वाले महीना त्योहारों से भरा होगा, इस नाते सभी को सचेत रहना होगा। जागरूकता में किसी तरह की कमी हमें फिर से बीमार बना देगी। सरकार और स्वास्थ्य संस्थाओं ने इस महामारी से बचाव के लिए जो दिशा-निर्देश जारी किए हैं, उसका पालन हर हाल में करना होगा। यह इसलिए भी महत्त्वपूर्ण है क्योंकि कई देशों और अपने यहां भी कई राज्यों में कोरोना ने दोबारा लोगों को अपना शिकार बनाया है। अगर हम किसी भी स्तर पर लापरवाही बरतेंगे तो यह बीमारी रहम नहीं दिखाएगी। सरकार के स्तर पर भी थोड़ी सख्ती अभी दिखानी आवश्यक है।
हालांकि कई राज्यों ने पूजा-त्योहार के मौकों पर भीड़ न लगने देने की बात कही है, किंतु इसे पालन कराना काफी कठिन है। जनता को ऐसे मामलों में ज्यादा समझदारी के साथ पेश आना होगा। कोरोना ने न केवल भारत बल्कि दुनिया के अधिकांश देशों को अपनी गिरफ्त में लिया है। इसके चलते अर्थव्यवस्था की गाड़ी भी पटरी से उतर चुकी है। बेरोजगारी चरम पर है। इसलिए आहिस्ता-आहिस्ता ही हम इस जानलेवा विषाणु को हरा सकते हैं। हड़बड़ी में अगर कोई कदम उठाया जाएगा तो वह निश्चित तौर पर मूर्खता होगी। थोड़ा धैर्य बरतते हुए ही सभी तरह के कामकाज की शुरुआत करना श्रेयस्कर होगा। इसी में सभी की भलाई है।
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