बिहार में एक होकर लड़ेंगे

Last Updated 25 Aug 2020 01:27:22 AM IST

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने साफ कर दिया है कि बिहार विधानसभा का चुनाव नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही लड़ा जाएगा।


बिहार में एक होकर लड़ेंगे

नड्डा ने साथ ही यह भी कहा कि तीनों दल-भाजपा, जद (यू) और लोजपा मिलकर महागठबंधन को टक्कर देंगे। हालांकि पहले भी भाजपा की तरफ से यह कहा जाता रहा है कि नीतीश ही बिहार में राजग का चेहरा होंगे। लेकिन विधानसभा के बिल्कुल नजदीक आने के समय जिस तरह से समीकरण बन-बिगड़ रहे थे, वैसे समय में भाजपा अध्यक्ष का सीधे तौर पर यह कहना कई मायनों में अहम है। सबसे महत्त्वपूर्ण संदेश यही दिया गया कि जब-जब तीनों दल मिलकर चुनाव लड़े हैं; तब-तब गठबंधन को जीत हासिल हुई है।

यानी तीनों का साथ मिलकर रहना सत्ता वापसी के लिए बेहद जरूरी है। इस समीकरण को दोहराने के पीछे लोजपा को इशारों में यह भी बता दिया गया कि वह नीतीश सरकार के खिलाफ हमलावर रुख अख्तियार न करे। पिछले दिनों लोजपा के अध्यक्ष और पार्टी की कमान संभाल रहे चिराग पासवान को भी भाजपा की तरफ से यह स्पष्ट तौर पर कह दिया गया है कि नीतीश सरकार के बारे में तीखे हमले करने से उन्हें बचना होगा। लोजपा राज्य में अपना दायरा बढ़ाने को आतुर दिखती है।

कई मौकों पर चिराग पासवान ने यहां तक कह दिया कि पार्टी को अगर सम्मानजनक सीटें नहीं मिली तो वह अकेले चुनाव मैदान में उतर सकती है। निश्चित तौर पर हर कोई अपने हिसाब से राजनीति करता है। सत्ता में हर कोई आना चाहता है, सो चिराग के भी ऐसा सोचने में कोई बुराई नहीं है, मगर लोजपा जिस तरह से आक्रामक रैवये के साथ आगे बढ़ना चाहती है, वह पार्टी और गठबंधन दोनों के लिए नुकसानदेह हो सकता है।

दलित वोट का गणित लोजपा और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की हम पार्टी के ईर्द-गिर्द पसरा है। फिलवक्त मांझी का झुकाव जद (यू) की तरफ है। ऐसे में पासवान को यह डर सता रहा है कि मांझी के राजग में शामिल होने से उनकी पार्टी का वो रूतबा नहीं रहेगा, जो बिना मांझी के हो सकता है। कुछ दिनों पूर्व तक यही कयासबाजी लग रही थी कि गठबंधन से लोजपा छिटक सकती है। मगर जिस आत्मविश्वास से नड्डा ने तीनों दलों के मिलकर चुनाव में जाने की बात कही है, उससे चुनाव पूर्व कई और समीकरण सामने आएंगे।



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