प्रशंसनीय फैसला
सरकार 25 मई से घरेलू व्यावसायिक यात्री उड़ानों को क्रमिक तरीके से बहाल करने जा रही है।
प्रशंसनीय फैसला |
नागर विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी के इस ऐलान से इतना तो स्पष्ट है कि देश में अब धीरे-धीरे हर तरह की गतिविधियों को सुचारू तरीके से शुरू करने की तैयारी होने लगी है। जैसा कि सबको पता है कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने से रोकने के लिए लागू लॉकडाउन के बीच देश में 25 मार्च से सभी व्यावसायिक यात्री उड़ानें निलंबित हैं। घरेलू उड़ानें अब क्रमिक तरीके से शुरू होंगी। साथ ही सभी हवाई अड्डों और विमानन कंपनियों को 25 मई से परिचालन के लिए तैयार रहने को सूचित किया जा रहा है। यह जरूरी भी था।
करीब 60 दिनों से ज्यादा वक्त तक लोगों की आवाजाही पर रोक लगी हुई है। वैसे श्रमिकों व अन्य लोगों के लिए रेल महकमे ने जिस तरह से योजनाबद्ध तरीके से ट्रेनों का परिचालन शुरू किया, उसके बाद घरेलू उड़ानों के शुरू होने की उम्मीद जताई जाने लगी थी। हालांकि खबर ये भी है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्रियों के बीच बैठक के दौरान उड़ान संचालन फिर से शुरू करने पर पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु सहित कुछ राज्य सरकारों ने चिंता व्यक्त की थी, इसके बावजूद केंद्र सरकार ने यह कदम उठाया है तो इसके पीछे कुछ ठोस वजहें भी हैं।
कोरोना महामारी का प्रकोप और अन्य कारकों की वजह से जिस तरह से अर्थव्यवस्था की हालत खस्ता हुई है, उससे निपटने के लिए लोगों की एक जगह से दूसरी जगह आवाजाही जरूरी हो गई थी। हां, खास हिदायतों और नियमों के साथ इसे शुरू करने में किसी को कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए। और सरकार ने जिस तरह से सख्त दिशा-निर्देश जारी किए हैं, उसका पालन हर किसी को करना भी चाहिए। बहुत ज्यादा दिनों तक हवाई सेवा, रेल सेवा को रोक कर नहीं रखा जा सकता है। लिहाजा यात्रियों को भी सरकार के बताए नियमों का ईमानदारी से पालन करने का भरोसा दिखाना होगा।
सोशल डिस्टेंसिंग और अन्य उपायों का सभी देशवासियों ने पालन किया है, यही वजह है कि बाकी देशों की तुलना में हमारे यहां मौत का आंकड़ा काफी कम है। मगर यह ‘लक्ष्मण रेखा’ इसी तरह बनी रहे, इस नाते जरूरी है कि लोग सरकार के बताए गए नियमों का दृढ़ता से पालन करें। निश्चित तौर पर इस फैसले का दूरगामी असर पड़ेगा। बस जान और जहान दोनों का ध्यान रखने की जरूरत है।
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