सबसे सस्ता किट
हर संकट के समय भारत की अंतर्निहित क्षमता का ऐसा प्रमाण सामने आ जाता है कि दुनिया भौंचक्क रह जाती है।
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जब से कोरोना संक्रमण सामने आया है; हम उससे बचाव, उपचार तथा अन्य उपाय तो कर ही रहे हैं, हमारे देश के वैज्ञानिक, इंजीनियर, तकनीशियन भी अपने काम में लग गए हैं। इसी का परिणाम है कि भारत ने आज दुनिया में सबसे सस्ता तथा सबसे जल्दी परीक्षण परिणाम देने वाला टेस्ट किट विकसित कर लिया है।
न्यू लाइफ कंसल्टेंट एंड डिस्ट्रीब्यूटर कंपनी की न्यू लाइफ लेबोरेटरी नामक स्वदेशी कंपनी ने ऐसी रैपिड किट तैयार की है, जो सिर्फ 5 से 15 मिनट में कोरोना की जांच कर रिपोर्ट देने में सक्षम है। इससे भी बड़ी बात यह कि इस पर खर्च करीब 500 रु पए के आसपास ही आएगा।
जरा सोचिए, हमारे ही लोग जो दिन रात भारत को कोसते रहते हैं और दुनिया ने फलां किया, ठेकाना किया बताते रहते हैं उनने कभी इसकी कल्पना की थी? नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायोरालॉजी (एनआईवी) पूणो से मंजूरी मिलने के बाद भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने किट का उत्पादन करने की अनुमति प्रदान कर दी है। भारतीय औषधिक नियंत्रक की अनुमति के साथ रैपिड किट का उत्पादन शुरू हो गया है। जो दो कंपनियां इनका उत्पादन करेंगी वो दोनों कंपनियां उत्तर प्रदेश की हैं?
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रोत्साहन से ही यह संभव हुआ और इसीलिए 15 लाख किट का आदेश भी प्रदेश से तैयार है। उत्तर प्रदेश का मध्यम, लघु एवं सूक्ष्म उद्योग विभाग यानी एमएसएमई इसकी मदद कर रहा है। चूंकि यह जांच संदिग्ध के खून से होगी लिहाजा नतीजे कुछ मिनटों में ही आ जाएंगे। अभी यह जांच संदिग्ध के स्वैब (थूक-लार) से होती है इसलिए नतीजे आने में समय लग जाता है।
जल्दी जांच का मतलब जल्दी इलाज। इसके पहले बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय में भी एक किट विकसित किया गया था, लेकिन उसे अभी मान्यता नहीं मिली है। सबसे पहले ‘माई लैब’ ने विकसित किया किंतु वर्तमान किट सबसे उन्नत श्रेणी का है। किट का उत्पादन व्यापक पैमाने पर होने लगा तो विदेशों पर हमारी निर्भरता घटेगी, विदेशी मुद्रा बचेगा तथा आगे हम स्वंय दूसरे देशों को किट उपलब्ध कराने की स्थिति में होंगे। कहने का तात्पर्य यह कि यदि राजनीतिक प्रोत्साहन मिले तो भारत में हर तरह की क्षमता मौजूद है।
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