कहर से बचना होगा
करीब दस दिनों के अंतराल में भारत में करोना वायरस का दूसरा मामला सामने आने से चिंताएं बढ़ गई हैं।
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पुणे स्थित भारतीय विषाणु विज्ञान संस्थान (एनआईवी) से जांच रिपोर्ट मिली है जिसमें कोरोना वायरस का केंद्र रहे वुहान से लौटे केरल के अल्पुझा के छात्र में इसकी पुष्टि हुई है। इससे पहले केरल के ही त्रिशुर में कोरोना वायरस से संक्रमित एक छात्रा की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। इस लिहाज से भारत को ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है। क्योंकि चीन से धीरे-धीरे यह 24 से ज्यादा देशों में फैल चुका है। सिर्फ यही नहीं बल्कि चीन से बाहर फिलीपींस में इस वायरस से पहली मौत की खबर भी कम चौंकाने वाली नहीं है।
चीन में फिलवक्त जो हालात हैं, वह डर पैदा करते हैं। अभी तक अकेले चीन में कोरोना वायरस से 361 लोग मारे गए हैं जबकि 17,205 लोक संक्रमित हैं। रविवार को ही 57 लोगों की मौत और 2,829 नये मामले सामने आने के बाद चीन में हाहाकार मचा हुआ है। ज्यादा चिंता की बात बाकी मुल्कों के लिए यह है कि चीन ने पहले इस बीमारी को दबाने की कोशिश की। दिसम्बर में हुबेई प्रांत के वुहान से शुरू हुआ यह जानलेवा वायरस के बारे में जनवरी के तीसरे हफ्ते में विश्व को पता चला। तब तक यह हजारों लोगों को संक्रमित कर गया और सैकड़ों लोगों की जान ले ली।
चीन में नव वर्ष मनाने आए पर्यटकों से यह आहिस्ता-आहिस्ता विश्व के दूसरे देशों तक फैल गया। अब जबकि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे वैश्विक स्वास्थ्य आपदा घोषित कर रखा है, सभी देशों को अपनी तैयारी मुकम्मल रखनी ही होगी। शायद इन्हीं सब चिंताओं को देखते हुए कई देशों ने चीनी नागरिकों और चीन गए बाकी देशों के नागरिकों को फिलहाल वीजा ऑन अराइवल की सुविधा को अस्थायी तौर पर स्थगित करने का निर्णय लिया है। देर से ही सही मगर भारत ने भी इसपर अमल किया है।
इसके अलावा वुहान से स्वदेश लाए गए 647 भारतीयों को भी निगरानी केंद्रों में रखा गया है। चूंकि अभी तक जांच के लिए एक ही प्रयोगशाला पुणो में है, इस कारण जांच रिपोर्ट आने में देरी हो रही है। सरकार को चाहिए कि वह ऐसी प्रयोगशाला की संख्या बढ़ाए। साथ ही जनता में जागरूरता का स्तर बढ़ाने की जरूरत है। हाथ साबुन से धोने, टिशु पेपर का इस्तेमाल करने, साफ-सफाई से रहने आदि सजगता से ही कोरोना को कुंद किया जा सकता है।
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