सेनाध्यक्ष का कथन
थल सेना प्रमुख मनोज मुकुंद नरवाने ने पाक अधिकृत कश्मीर संबंधी बहुत बड़ा बयान दिया है।
![]() सेनाध्यक्ष का कथन |
यह कहना कोई सामान्य बात नहीं है कि संसद आदेश दे तो सेना पाक अधिकृत कश्मीर को वापस लेने को तैयार है। इससे भारत से ज्यादा पाकिस्तान में खलबली मचना स्वाभाविक है। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान कहते रहे हैं कि भारत ने आजाद कश्मीर में कार्रवाई करने की खौफनाक तैयारी किया हुआ है।
सेना प्रमुख के बयान को वे अपनी आशंका की पुष्टि मान रहे हैं। पाकिस्तान क्या मानता है यह हमारे लिए मायने नहीं रखता है। मूल बात है कश्मीर की अविभाज्यता। जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है तो उस पार का गिलगित बाल्तिस्तान सहित सम्पूर्ण कश्मीर हमारे नियंत्रण में होना चाहिए। संसद का इसके संबंध में पारित प्रस्ताव हमारे पास है। प्रश्न है कि सेना प्रमुख के बयान को किस तरह देखा जाए? क्या सेना को इसके लिए तैयार रहने का निर्देश मिला हुआ है? सेना प्रमुख ऐसा कुछ नहीं कह सकते लेकिन उनका पूरा वक्तव्य इसी ओर इशारा करता है।
अनुच्छेद 370 हटाने के बाद से पूरे देश में यह वातावरण बना हुआ है कि नरेन्द्र मोदी सरकार कभी भी पाक अधिकृत कश्मीर को नियंत्रण में लेने की कार्रवाई शुरू कर सकती है। सेना में भी यही वातावरण है। किसी समस्या को जितना समय टालेंगे वह उतना ही जटिल होता जाएगा। गिलगित बाल्तिस्तान सहित पाक अधिकृत कश्मीर के साथ यही हुआ है। आज वहां चीन अरबों डॉलर निवेश वाले चीन पाक गलियारा का निर्माण कर रहा है। पाकिस्तान ने पहले ही उसका एक बड़ा हिस्सा उसे सौंप दिया है। इस तरह पाक अधिकृत कश्मीर का एक पार्टी चीन भी है।
किंतु इसके भय से क्या हम स्थायी रूप से इस समस्या को टालते रहेंगे या फिर समाधान का साहस दिखाएंगे? कश्मीर के महाराजा के विलय पत्र पर हस्ताक्षर करने के बाद पूरा भाग भारत का अंग होना चाहिए था, लेकिन यह हमारी ही गलती थी, जिससे एक बड़े भाग पर पाकिस्तान का कब्जा है। उस भूल को सुधारने का समय कभी न कभी तो आना चाहिए। अगर सेना कह रही है कि हम तैयार हैं तो फिर राजनीतिक नेतृत्व को इसके लिए वातावरण बनाना चाहिए। देश को भी कश्मीर समस्या के स्थायी समाधान के लिए जितनी भी कठिनाइयां और चुनौतियां आएं उनका सामना करने को तैयार रहना होगा।
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