अर्थव्यवस्था के वास्ते

Last Updated 08 Jan 2020 06:03:38 AM IST

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा देश के प्रमुख 11 शीर्ष उद्योगपतियों से मुलाकात वर्तमान आर्थिक सुस्ती को खत्म करने के लिए विचार-विमर्श की महत्त्वपूर्ण कड़ी का अंग माना जाएगा।


अर्थव्यवस्था के वास्ते

सभी को 10-10 मिनट का समय दिया गया था, लेकिन प्रधानमंत्री ने बैठक को ज्यादा खुले विमर्श का चरित्र दिया था इसलिए यह तीन घंटे तक खींच गया। उद्योगपतियों की सलाह के बाद सरकार क्या-क्या कदम उठाएगी, इसका पता शायद आगामी बजट में चले लेकिन जो प्रश्न प्रधानमंत्री ने अपने आरंभिक उद्बोधन में रखा उससे साफ है कि वो सभी पहलुओं पर खुला विमर्श के साथ यह सुझाव भी चाहते हैं कि अलग-अलग क्षेत्रों के लिए क्या-क्या किया जाना चाहिए?

पीएम ने अगर आर्थिक सुस्ती के कारणों पर उनका नजरिया तथा उसके निदान के बारे में जानना चाहा तो इसका उद्देश्य यही हो सकता है कि कारणों को दूर करने के लिए सीधे कदम उठाए जाएं। अलग-अलग क्षेत्रों की कुछ समस्याएं अलग-अलग हैं तो कुछ सबके लिए समान है। यह समय अर्थव्यवस्था की दृष्टि से कितनी चिंताजनक है यह बताने की आवश्यकता नहीं।

वैश्विक सुस्ती व मंदी के प्रभावों के साथ इसके कई कारण बताए जा रहे हैं। इनमें एक प्रमुख कारण मोदी सरकार द्वारा भ्रष्टाचार व कर चोरी को रोकने, बैंक कजरे की वापसी के लिए बनाए गए सख्त कानून माने जा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने पहले भी इस भय को दूर करने की कोशिश की है कि इन कानूनों से किसी को भी निवेश और अपने कारोबार के विस्तार के संदर्भ में भयभीत होने की जरूरत नहीं। बैठक में भी भ्रष्टाचार विरोधी कानूनों का डर हटाने की कोशिश प्रधानमंत्री ने की है। मूल प्रश्न है कि क्या हमारे देश के उद्योगपति और कारोबारी इतनी आसानी से यह मान लेंगे कि उनके खिलाफ कभी भ्रष्टाचार विरोधी कानूनों के तहत कार्रवाई नहीं होगी।

कोई ऐसी गारंटी नहीं दे सकता और देना भी नहीं चाहिए। देश में यदि ईमानदार कारोबार का माहौल बनाना है तो फिर पहले के अनुसार जैसे को तैसा नहीं चलने दिया जा सकता। मगर दूसरी ओर अर्थव्यवस्था को गति देना भी आवश्यक है। वित्त मंत्री द्वारा कई दौर में की गई रियायतों की घोषणाओं का अपेक्षित असर नहीं हुआ है यह साफ है। तो थोड़ा नये नजरिए से मंथन करना होगा। कोई यह सुझाव नहीं दे सकता कि सरकार भ्रष्टाचार एवं बैंकों के कर्ज वापसी आदि के लिए बनाए गए कानूनों को थोड़ा हल्का कर दे। इसलिए थोड़ा धैर्य रखने की आवश्यकता है।



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