एकजुटता का संदेश
झारखंड की राजधानी रांची में हेमंत सोरेन के शपथ ग्रहण समारोह को विपक्षी जुटान का आयोजन बना दिया जाना कतई अस्वाभाविक नहीं है।
एकजुटता का संदेश |
पूरे देश में विपक्ष का एक ही लक्ष्य है कि किसी तरह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को राजनीति के हाशिए में फेंका जाए।
तो जहां भी भाजपा पराजित होती है, और विपक्ष को सफलता मिलती है, वहां ये एक साथ आकर कुछ संदेश देने की कोशिश करते हैं। इस वर्ष हुए 3 विधानसभा चुनाव में अगर भाजपा बुरी तरह हारी है, तो झारखंड में ही। महाराष्ट्र में भले वह सरकार से बाहर है, लेकिन शिवसेना के साथ गठबंधन में उसे बहुमत मिला था। हरियाणा में भी उसने बहुमत नहीं मिला लेकिन 40 सदस्यों के साथ वह सबसे बड़ी पार्टी थी। वहां वह गठबंधन की सरकार भी चला रही है। इसलिए विपक्ष अगर किसी परिणाम से ज्यादा उत्साहित हो सकता है, तो वह झारखंड ही है।
कांग्रेस को तो अपेक्षा से भी बड़ी सफलता मिली है, इसलिए राहुल गांधी का स्वयं शपथ ग्रहण समारोह में जाना स्वभाविक था। विपक्ष के नेताओं ने वहां से जो वक्तव्य दिए वे वही थे जो हम पिछले कुछ दिनों से सुन रहे हैं। मसलन, संविधान बचाना, नागरिकता संशोधन कानून, एनपीआर और एनआरसी का विरोध करना आदि। रांची का संदेश यही है कि विपक्ष भाजपा के खिलाफ वैचारिक मोर्चाबंदी पर एकजुट हो सकता है। यह भाजपा के लिए इस समय ही नहीं, लंबे समय के लिए एक बड़ी चुनौती है। हालांकि इससे यह नहीं माना जा सकता जो विपक्ष रांची में एक मंच पर दिखा वह अपने-अपने राज्यों में भी भाजपा को पराजित करने के लिए चुनावों में एकजुट हो जाएगा। उदाहरण के लिए पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस, वाम दल और कांग्रेस का एक साथ आना कठिन है। लेकिन इस विपक्षी जुटान का राजनीतिक दृष्टि से महत्त्व है क्योंकि ये सड़क से संसद तक एक साथ भाजपा के खिलाफ अभियान चला सकते हैं।
हालांकि झारखंड में तीन दलों की एकजुटता ने ही विपक्ष को सफलता दिलाई है, लेकिन हर राज्य में झारखंड दोहराया नहीं जा सकता। बावजूद भाजपा को इस बात की पूरी तैयारी कर लेनी होगी कि उसको ज्यादातर मुद्दों पर संगठित विपक्ष का अकेले सामना करना है। विपक्ष एकजुट होकर सरकार को घेरे, उसे कठघरे में खड़ा करे, इसमें कोई समस्या नहीं है। किंतु लोकतांत्रिक व्यवस्था में राजनीतिक टकराव की सीमा होती है, उसका ध्यान अवश्य रखा जाए। देश के लिए आवश्यक कार्य इससे बाधित न हों, इसका ध्यान रखना सबका दायित्व है।
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