नहीं मिलेगा पानी

Last Updated 17 Oct 2019 06:40:38 AM IST

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हरियाणा की एक सभा में यह कहकर फिर से बहस को जिन्दा कर दिया कि अब पाकिस्तान पर पानी को लेकर सर्जिकल स्ट्राइक होगा।




नहीं मिलेगा पानी

वास्तव में भारत से जाने वाली नदियों के पानी को लेकर पंजाब, हरियाणा और राजस्थान की शिकायत रही है कि उनके हिस्से का पानी पाकिस्तान जा रहा है। सिंधु जल बंटवारे को लेकर आरंभ से ही देश में विवाद रहा है। हालांकि पाकिस्तान शिकायत करता है कि भारत उसके हिस्से के पानी का बिजली उत्पादन से लेकर सिंचाई में उपयोग कर रहा है। भारत को जितने पानी का उपयोग करना है उतना नहीं कर पा रहा। प्रधानमंत्री ने लोक सभा चुनाव अभियान के दौरान भी कहा था कि हम पाकिस्तान का पानी रोक देंगे।

उसके बाद नितिन गडकरी ने मीडिया को दिए साक्षात्कारों में कहा था कि हां, हम अपने हिस्से के पानी के उपयोग पर काम कर रहे हैं और पाकिस्तान को यह पानी नहीं मिलेगा। प्रधानमंत्री ने भी यही कहा है कि उस पर काम चल रहा है। उनके अनुसार देश के हिस्से का जो पानी नदियों के माध्यम से सीमा पार जा रहा है उसे रोक कर हरियाणा के खेतों तक पहुंचाया जाएगा। जब भी भारत का ऐसा बयान आता है पाकिस्तान इस पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करता है। हमारे देश में भी एक वर्ग छाती पीटने लगता है।

इसका प्रचार ऐसे किया जाता है मानो भारत पाकिस्तान का पूरा पानी रोक देगा। जिस तरह का आचरण पाकिस्तान भारत के खिलाफ कर रहा है उसको देखते हुए सरकार ऐसा फैसला करती है तो देश के बहुमत का समर्थन मिलेगा। हालांकि अंतरराष्ट्रीय कानूनों के अनुसार यह गलत होगा। वैसे बिना व्यापक आधारभूत ढांचा खड़ा किए आप पानी नहीं रोक पाएंगे। इसके लिए पानी की धारा को मोड़ने के लिए बांधों की और वहां से उसके भंडारण और उपयोग के लिए बड़े जलाशयों और चैनलों का निर्माण करना होगा। जो सूचना है इस पर काम चल रहा है। इसका मतलब यह केवल चुनावी वायदा नहीं है।

निस्संदेह, इससे पाकिस्तान के लिए परेशानियां बढ़ेंगी। अभी तक जितना पानी उसकी सीमा में जा रहा है उसके उपयोग के अनुसार उसने ढांचा विकसित किया है। जैसे ही पानी में कमी आएगी उसके ढांचे का बड़ा अंश किसी काम का नहीं रहेगा। पानी की बढ़ती समस्या को देखते हुए हर देश अपने हिस्से को सुरक्षित रखने पर काम कर रहा है। इसमें भारत अपवाद नहीं हो सकता।



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