भारत के लिए अच्छा-अच्छा
निस्संदेह, पूरा भारत अमेरिका के टेक्सास प्रांत के ह्युस्टन शहर में आयोजित हाउडी कार्यक्रम पर नजर लगाए हुए था।
भारत के लिए अच्छा-अच्छा |
कार्यक्रम की समाप्ति के बाद कहा जा सकता है कि किसी को निराशा नहीं हुई होगी। विपक्ष के इस प्रश्न पर विचार किया जा सकता है कि वहां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को अबकी बार ट्रंप सरकार कहना चाहिए था या नहीं? इसका सीधा उत्तर है कि उन्हें ट्रंप की हार-जीत से अपने को अलग रखना चाहिए था।
हालांकि इसके अलावा, भारतवंशियों द्वारा मोदी के लिए आयोजित कार्यक्रम में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का आना और भारत के अनुकूल आतंकवाद एवं सीमा सुरक्षा की बात करना तथा इसे एक उभरती हुई महाशक्ति मानना महत्त्वपूर्ण है। वास्तव में एनआरजी स्टेडियम में किसी विदेशी नेता की सभा में अभूतपूर्व जन उपस्थिति के साथ ट्रंप के साथ अमेरिका की दोनों पार्टयिों के 50 से ज्यादा सांसदों का आना ऐतिहासिक कहा जाएगा। नरेन्द्र मोदी ने 28 सितम्बर, 2014 से अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर के मेडिसन स्क्वॉयर से इस तरह की सभा का आरंभ कर पिछले पांच वर्षो में एक कारवां बना दिया है।
ह्युस्टन इसलिए भी महत्त्वपूर्ण है कि यहां अनेक ऊर्जा कंपनियों के केंद्र हैं तथा भारतवंशी वहां के कारोबार में काफी प्रभावशाली हैं। इसका असर सभा पर होना था। इस सभा से कुछ बातें साफ हुई। मसलन, अमेरिका के साथ भले कई अंतरराष्ट्रीय-द्विपक्षीय मामलों पर मतभेद हों, पर वह भारत के महत्त्व को समझता है तथा इसके साथ बहुआयामी संबंध बनाए रखना चाहता है। दूसरे, वह भारत की कीमत पर पाकिस्तान के साथ नहीं जाने वाला। भारत की विदेश नीति इस समय मुख्यत: अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर पर विश्व समुदाय की गलतफहमी दूर करना तथा पाकिस्तान को अलग-थलग करने पर केंद्रित है।
प्रधानमंत्री मोदी ने इस अनुच्छेद को हटाने की आवश्यकता तथा भारतीय संसद के दोनों सदनों में दो तिहाई बहुमत से इसका निर्णय करने की चर्चा करके बिल्कुल साफ संदेश दिया। प्रधानमंत्री की अमेरिका यात्रा में संयुक्त राष्ट्र संघ महासभा में भाषण देने से लेकर अनेक कार्यक्रम हैं। हाउडी मोदी से पहले भी वहां ऊर्जा कंपनियों के सीईओ के साथ वार्ता एवं एलएनजी आयात करने का समझौता हुआ। सच कहें तो हाउडी मोदी कार्यक्रम से भारत के पक्ष में जो वातावरण बना है, उसका लाभ न केवल अमेरिका में और इस यात्रा में बल्कि आगे दुनिया के अन्य क्षेत्रों में भी मिलेगा।
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