सरकार के सौ दिन

Last Updated 10 Sep 2019 06:33:11 AM IST

नरेन्द्र मोदी सरकार के 100 दिनों को अलग करके देखा जाए या पूर्व की पांच वर्षो की सतत यात्रा के रूप में यह हमारे आपके नजरिए पर निर्भर करता हैं।


सरकार के सौ दिन

किंतु इन 100 दिनों में सरकार ने जिस तेजी से काम करते हुए अपने संकल्प पत्र के वायदों को पूरा किया है, उसका निष्कर्ष है कि जनता को दिए गए वचनों के प्रति सरकार गंभीर है। विकास दर में गिरावट निस्संदेह, चिंता का विषय है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की तीन पत्रकार वार्ता बुलाकर इसको गति देने के लिए उठाए गए कदमों से यह आासन मिलता है कि सरकार स्थिति को बदलने के लिए सक्रिय है। इसके अलावा, सरकार की गठरी में इस दौरान अनेक कार्य ऐसे हैं, जिनका महत्त्व ऐतिहासिक है।

तीखे राजनीतिक विभाजन के बीच पहले संसद सत्र में पूर्व की सारी संसदों से ज्यादा काम होना सुखद अनुभव वाला है। इसके साथ तीन तलाक विरोधी कानून, पॉक्सो कानून में बदलाव, न्यूनतम वेतन का नये सिरे से निर्धारण, किसानों, श्रमिकों, व्यापारियों की पेंशन, फिट इंडिया अभियान, जल संरक्षण को ध्यान रखते हुए जल शक्ति मंत्रालय का गठन आदि उल्लेखनीय काम हुए हैं। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 का हटना तथा उसे विभाजित कर केंद्र-शासित प्रदेश में बदलने का निर्णय आजादी के बाद से लटकी समस्या के समाधान की दिशा में अब तक के सबसे दृढ़ संवैधानिक बदलाव हैं। इसके बाद पिछले 36 दिनों में कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियों को रोके रखने में सफलता भी अभूतपूर्व है।

देश लंबे समय से कश्मीर पर ऐसी ही दृढ़ नीति की मांग कर रहा था। कश्मीर पर पाकिस्तान को दुनिया में अलग-थलग करने में मिली कामयाबी तथा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का उसके विरोध के बावजूद संयुक्त अरब अमीरात तथा बहरीन जैसे देशों में शानदार स्वागत भारत की बढ़ती स्वीकृति का प्रमाण है। प्रधानमंत्री ने जिस तरह अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सामने कहा कि यह भारत और पाकिस्तान के बीच का द्विपक्षीय मामला है, और हम इसमें किसी अन्य को कष्ट नहीं देते, उससे दुनिया को सीधा संदेश गया है।

भ्रष्टाचार पर कड़े प्रहार के रूप में एक सौ 30 अधिकारियों को नौकरी से हटा देना भी असाधारण निर्णय की श्रेणी में आएगा। किंतु सरकार के सामने चुनौतियां भी कम नहीं हैं। अपनी ही घोषणाओं के अनुरूप किसानों की आय 2022 तक दोगुनी करने, सभी को आवास, रोजगार वृद्धि..पांच खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने और जम्मू-कश्मीर को सामान्य अवस्था में लाना ऐसे लक्ष्य हैं, जिन पर नरेन्द्र मोदी सरकार की सफलता-विफलता निर्भर करेगी।



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