पोम्पियो की भारत यात्रा
पिछले दस महीनों में भारत और अमेरिका के बीच उच्च स्तर पर सीमित संवाद हुआ, लेकिन इस बीच दोनों देशों के बीच व्यापार को लेकर मतभेद सामने आ गया।
पोम्पियो की भारत यात्रा |
इस पृष्ठभूमि में अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो की भारत यात्रा की अहमियत काफी बढ़ जाती है, जिसमें दोनों देशों के बीच शीर्ष स्तर पर संवाद हुआ। अमेरिकी विदेश मंत्री पोम्पियो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अलावा विदेश मंत्री एस जयशंकर से भी मिले। यह मुलाकात जापान में हो रहे जी-20 शिखर सम्मेलन से पहले हुई, जहां प्रधानमंत्री मोदी की मुलाकात अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से होगी। पोम्पियो की भारत यात्रा के दौरान जब दोनों पक्षों के बीच संवाद हुआ, तो स्वाभाविक है कि विभिन्न मसलों पर उन्हें एक-दूसरे के दृष्टिकोण को समझने में मदद मिली होगी। ऐसा होता दिखा भी, जब जयशंकर और पोम्पियो ने कुछ मसलों पर मतभेद के बावजूद उनका समाधान निकालने की इच्छा दिखाई। यह बिल्कुल साफ है कि व्यापार और रूस से ली जाने वाली एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली के मसले पर दोनों देशों के बीच मतभिन्नता है, लेकिन राजनय की सफलता इस बात में निहित होती है कि वह परस्पर विरोधी स्थिति के बीच समाधान निकाल ले। सुखद बात यह है कि दोनों पक्ष इस सच्चाई से अवगत हैं।
दोनों देश अपने हित के हिसाब से ही फैसले लेंगे। भारत व्यापार के मसले पर भले ही कुछ नरम रुख अपना ले, मगर एस-400 पर ऐसी कोई गुंजाइश नहीं दिखती। बेशक अमेरिका के लिए यह चुनौती है, लेकिन रूस के साथ वर्षो के परस्पर सहयोग और विश्वास पर आधारित संबंध को भारत, अमेरिकी दबाव में नहीं गंवा सकता। भारत की यह सोच महज भावुकता पर आधारित नहीं है। अगर भारत रूस के साथ अपने नजदीकी रिश्ते कायम नहीं रखेगा, तो संभव है वह चीन और पाकिस्तान की ओर झुकने लगे। मतभेद के बावजूद आतंकवाद जैसे कई क्षेत्र हैं, जहां भारत-अमेरिका की चिंता समान है। अमेरिका द्वारा पाकिस्तान के खिलाफ की गई कार्रवाई में यह दिखता भी है। हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की बढ़ती गतिविधि भी दोनों देशों को निकट ला रही है। अमेरिका और चीन के बीच होड़ के मद्देनजर भारत के लिए यही श्रेयस्कर होगा कि वह दोनों पक्षों की स्थिति का ठीक से आकलन कर कदम उठाए। वैसे सामरिक हितों में समानता होने के बावजूद ट्रंप प्रशासन की संरक्षणवादी नीति के कारण भारत-अमेरिकी रिश्तों में भविष्य में जटिलता बने रहने की संभावना है।
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