दूसरे चरण का दांव
आज लोक सभा चुनाव के दूसरे चरण में बारह राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश की 95 सीटों पर मतदान हो रहा है।
दूसरे चरण का दांव |
इस चरण में 97 सीटों पर मतदान होने वाला था, लेकिन द्रमुक उम्मीदवार के चुनाव कार्यालय से कथित नकदी बरामदगी के कारण तमिलनाडु की वेल्लौर सीट और त्रिपुरा (पूर्व) सीट पर खराब कानून व्यवस्था के कारण मतदान स्थगित कर दिया गया। दूसरे चरण का यह मतदान भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए और कांग्रेस की अगुवाई वाले यूपीए गठबंधन, दोनों के लिए समान रूप से विशेष महत्त्व रखता है, क्योंकि इस चरण से शेष पांच चरणों के मतदान को गति मिलेगी। पहले चरण के मतदान का प्रतिशत 2014 के चुनाव के मुकाबले कम रहा है।
चुनाव विशेषज्ञ इसका आशय यह निकाल रहे हैं कि किसी भी राजनीतिक दल या गठबंधन के पक्ष में लहर नहीं है। तमिलनाडु में कांग्रेस और द्रमुक के बीच गठबंधन है। यूपीए के लिए यहां की 38 सीटों में से अधिक से अधिक सीटों पर अपनी जीत सुनिश्चित करने का एक अच्छा अवसर है क्योंकि 2014 के चुनाव में 37 सीटें अन्नाद्रमुक ने जीती थीं। भाजपा और पीएमके को एक-एक सीट मिली थी। इस चुनाव में अन्नाद्रमुक को सत्ता विरोधी रुझान का सामना करना पड़ सकता है। दक्षिण भारत में मात्र कर्नाटक ही ऐसा राज्य है, जहां भाजपा मजबूत स्थिति में है।
यहां की जिन 14 सीटों पर मतदान हो रहा है, वे तटीय इलाके में पड़ती हैं। यहां भाजपा का मजबूत जनाधार है, लेकिन जिन क्षेत्रों में जनता दल (से) और कांग्रेस का गठबंधन मजबूत स्थिति में है, वहां भाजपा को कड़ी चुनौती मिल सकती है। महाराष्ट्र की 10 सीटों पर मतदान हो रहा है। ये सीटें मराठवाड़ा क्षेत्र में पड़ती हैं। पिछले चुनाव में एनडीए को यहां की 8 सीटें मिली थीं। इस बार वह अपने पिछले प्रदर्शन को दोहरा पाएगा या नहीं कहना मुश्किल है। उत्तर प्रदेश में 8 सीटों पर मतदान हो रहा है। यहां भाजपा का सीधा मुकाबला बसपा के साथ है।
बसपा-सपा गठबंधन जातीय समीकरण के लिहाज से बहुत ताकतवर माना जा रहा है। हालांकि 1993 के बाद दोनों एक साथ आए हैं। जाहिर है कि ब्रज और रूहेलखंड की 8 सीटों पर सपा की परीक्षा होगी कि वह यादव वोट बसपा को ट्रांसफर करवा पाती है, या नहीं। अगर ऐसा नहीं हुआ तो मायावती के प्रधानमंत्री बनने की महत्त्वाकांक्षा पर पानी फिर सकता है।
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