संतुलित चयन
घंटों की मगजमारी के बाद 30 मई से इंग्लैंड में होने वाले विश्व कप क्रिकेट के लिए 15 सदस्यीय भारतीय टीम का ऐलान सोमवार को कर दिया गया।
संतुलित चयन |
नि:संदेह चयनकर्ताओं ने बेहतर और संतुलित टीम का चयन किया है, किंतु टीम इंडिया में दो नामों का नहीं होना थोड़ा हैरान करने वाला है। पहला नाम विकेटकीपर व बल्लेबाज ऋषभ पंत का है, जो कइयों की पसंद थे और लागातार अच्छा खेल का प्रदर्शन कर रहे थे। यहां तक कि पूर्व दिग्गज क्रिकेटरों सुनील गावस्कर, रिकी पोंटिंग और सौरभ गांगुली ने इन्हें अपनी ड्रीम टीम में जगह दी थी। वहीं ऑलराऊंडर के तौर पर टीम में स्थान बनाने वाले तमिलनाडु के क्रिकेटर विजय शंकर को लेकर भी खेल प्रेमियों ने आश्चर्य जताया है। खासकर अंबाती रायडू के विकल्प के तौर पर विजय को तरजीह देने के पीछे भले बीसीसीआई दमदार तर्क रखे, मगर रायडू की बल्लेबाजी शंकर के मुकाबले खासी मजबूत दिखती है। रायडू ने 55 एकदिवसीय मैच में 47.05 की औसत से रन बनाए हैं, वहीं शंकर ने महज 9 एकदिवसीय मैच खेले हैं और उनका औसत 33 के करीब है।
नंबर 4 की जगह के लिए अंबाती रायडू और विजय शंकर के बीच प्रतिस्पर्धा थी, लेकिन चयनकर्ताओं ने विजय शंकर को तरजीह दी है। समय बताएगा कि यह फैसला सही है या गलत। हालांकि बाकी जगहों मसलन ओपनिंग, विकेटकीपिंग और गेंदबाजी में बैकअप खिलाड़ियों को रखे जाने से टीम को मजबूती मिलेगी। टीम चयन करीब-करीब वैसा ही है, जैसा कप्तान विराट कोहली चाहते थे। इस नाते कोहली पर यह दारोमदार रहेगा कि वह इन खिलाड़ियों से उनका सर्वश्रेष्ठ किस तरह ले पाते हैं? हां, मध्य क्रम में एक भी बाएं हाथ का बल्लेबाज नहीं होना थोड़ा निराश करता है। दाएं और बाएं हाथ के बल्लेबाजों से विपक्षी टीम की सिरदर्दी बढ़ती है और इसका फायदा सीधे बल्लेबाजी टीम को होता है। मगर इस ओर चयनकर्ताओं का ध्यान न देना एक रणनीतिक भूल तो मानी ही जाएगी। 1983 में कपिल के नेतृत्व में जिस टीम ने विश्व कप की ट्रॉफी पर कब्जा जमाया था, कमोबेश वैसी ही टीम का ताना-बाना इस बार की टीम का भी है। लिहाजा भारत में भगवान की तरह पूजे जाने वाले इस खेल की दीवानगी के आलम को समझा जा सकता है। शुभकामनाएं टीम भारत को।
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