राहुल को नोटिस
सर्वोच्च न्यायालय द्वारा राहुल गांधी को नाटिस जारी करना अत्यंत गंभीर घटना है।
राहुल को नोटिस |
राहुल ने न्यायालय द्वारा राफेल मामले पर दिए गए अपने फैसले के खिलाफ दायर पुनर्विचार याचिका स्वीकृत करने के बाद जिस तरह का बयान दिया वह हर दृष्टि से निंदनीय है। उच्चतम न्यायालय ने केवल याचिका स्वीकार की और उसमें सरकार को कहा कि जो भी कागजात आ गए हैं, चाहे किसी माध्यम से आएं वे सुनवाई के आधार हो सकते हैं। किंतु राहुल ने अमेठी में बयान दिया कि उच्चतम न्यायालय ने भी कह दिया कि राफेल में गड़बड़ी हुई है, चौकीदार चोर है। यह सीधे-सीधे न्यायालय की अवमानना तथा किसी की मानहानि का मामला है। मानहानि मामला स्वीकार करते हुए न्यायालय ने जो टिप्पणियां कीं वो भी राहुल के खिलाफ जाती हैं। न्यायालय ने कहा कि हम स्पष्ट करते हैं कि राहुल ने इस न्यायालय का नाम ले कर राफेल सौदे के बारे में मीडिया और जनता में जो कुछ कहा उसे गलत तरीके से पेश किया। हम स्पष्ट करते हैं कि राफेल मामले में दस्तावेज को स्वीकार करने के लिए उनकी वैधता पर सुनवाई करते हुए इस तरह की टिप्पणियां करने का मौका कभी नहीं आया। देखना होगा राहुल 22 अप्रैल को क्या जवाब देते हैं। इसका कोई भी जवाब न्यायालय को संतुष्ट नहीं कर सकता। अगर वे कहते हैं कि मेरे पास पूरा फैसला नहीं आया था, इसलिए ऐसा बोल गया तो न्यायालय पूछेगा कि फिर बिना पूरा पढ़े आपने इस तरह का बयान किस आधार पर दिया। राहुल के पास एक चारा न्यायालय से क्षमा मांगने का है।
लेकिन इसमें याचिकाकर्ता भी एक पक्ष है। याचिकाकर्ता भाजपा की सांसद हैं। वो शर्त रख सकती हैं कि आगे से राहुल चौकीदार चोर है नहीं बोलेंगे। इसे स्वीकार करना राहुल की राजनीति को धक्का पहुंचाने वाला होगा। राफेल और चौकीदार चोर हैं, को राहुल ने इतनी बार बोला है कि पीछे हटते हैं तो मतदाताओं में संदेश जाएगा कि अभी तक वे गलत बोल रहे थे। यह भाजपा के लिए बड़ा मुद्दा हो जाएगा एवं कांग्रेस के वोट कट सकते हैं। इस तरह राहुल की समस्या बढ़ गई है। हालांकि कांग्रेस में वकीलों की बड़ी फौज है, जो मामले को लंबा खींचने की रणनीति अपना सकते हैं। जो भी हो इस तरह वोट की राजनीति के लिए उच्चतम न्यायालय का उपयोग कभी नहीं होना चाहिए। राहुल को भले सजा न मिले, किंतु देश में संदेश गया है कि उन्होंने जानबूझकर प्रधानमंत्री को भ्रष्टाचारी बताने के लिए वो बातें बोलीं जो न्यायालय ने कहा ही नहीं।
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