Air India Plane Crash Report: एअर इंडिया विमान हादसे में AAIB की रिपोर्ट में कई खुलासे, पायलटों के आपसी बातचीत में ये थे आखिरी शब्द
एयर इंडिया विमान हादसे की शुरुआती जाँच रिपोर्ट में कई चौंकाने वाली बातें सामने आई हैं। ब्लैक बॉक्स के विश्लेषण से पता चला है कि उड़ान भरने के करीब 30 सेकंड बाद ही विमान के इंजन बंद हो गए थे।
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एअर इंडिया की उड़ान एआई-171 के दोनों इंजन में ईंधन पहुंचाने वाले स्विच बंद हो गए थे और इसके बाद पायलटों में भ्रम की स्थिति पैदा हो गई, जिसके कुछ ही सेकंड बाद विमान अहमदाबाद में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। दुर्घटना की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है।
पंद्रह पन्नों वाली रिपोर्ट में कहा गया है कि ‘कॉकपिट वॉयस रिकार्डिंग’ में सुना गया कि एक पायलट ने दूसरे से पूछा कि उसने ईंधन क्यों बंद किया, तो जवाब मिला कि उसने ऐसा नहीं किया।
लंदन जाने वाले बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमान ने 12 जून को अहमदाबाद हवाई अड्डे से उड़ान भरने के तुरंत बाद ही गति खोनी शुरू कर दी और वह एक मेडिकल कॉलेज के छात्रावास में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इस दुर्घटना में विमान में सवार 242 लोगों में से एक को छोड़कर बाकी सभी की मौत हो गई थी।
इस विमान दुर्घटना में यात्री और चालक दल के सदस्यों के अलावा 19 और लोग मारे गए थे। यह एक दशक में सबसे घातक विमान दुर्घटना थी।
विमान दुर्घटना अन्वेषण ब्यूरो (एएआईबी) की रिपोर्ट में दिए गए घटनाक्रम के अनुसार, दोनों ईंधन नियंत्रण स्विच (जिनका उपयोग इंजनों को बंद करने के लिए किया जाता है) उड़ान भरने के तुरंत बाद ‘कटऑफ’ स्थिति में चले गए थे।
हालांकि, रिपोर्ट में यह नहीं बताया गया कि यह कैसे हुआ या यह किसने किया।
लगभग 10 सेकंड बाद, इंजन 1 का ईंधन कटऑफ स्विच अपनी तथाकथित ‘रन’ स्थिति में चला गया और उसके चार सेकंड बाद इंजन 2 भी ‘रन’ स्थिति में आ गया। पायलट दोनों इंजनों को फिर से चालू करने में कामयाब रहे, लेकिन केवल इंजन 1 ही ठीक हो पाया, जबकि इंजन 2 गति कम करने के लिए पर्याप्त शक्ति उत्पन्न नहीं कर पाया।
पायलटों में से एक ने संकटकालीन चेतावनी ‘‘मे डे, मे डे, मे डे’’ जारी की, लेकिन इससे पहले कि हवाई यातायात नियंत्रकों को कोई प्रतिक्रिया मिल पाती, विमान अहमदाबाद हवाई अड्डे की सीमा के ठीक बाहर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। यह कुछ पेड़ों को छूते हुए एक छात्रावास में जा गिरा।
रिपोर्ट के अनुसार, जब विमान ने उड़ान भरी उस समय सह-पायलट विमान उड़ा रहा था और कप्तान निगरानी कर रहा था।
एएआईबी द्वारा शनिवार को जारी प्रारंभिक रिपोर्ट में कहा गया कि विमान के ऑपरेटरों के लिए फिलहाल कार्रवाई की कोई सिफारिश नहीं की गई है।
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘विमान ने भारतीय समयानुसार अपराह्न एक बजकर 38 मिनट 42 सेकंड पर अधिकतम दर्ज की गई गति 180 नॉट्स आईएएस हासिल की और एक सेकंड बाद ही इंजन-1 और इंजन-2 के ईंधन ‘कटऑफ स्विच’ क्रमशः ‘रन’ से ‘कटऑफ’ स्थिति में चले गए।’’
रिपोर्ट के अनुसार, इंजन एन1 और एन2 की ईंधन आपूर्ति बंद होने के कारण उनकी क्षमता में गिरावट आनी शुरू हो गई।
रिपोर्ट में ‘कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डिंग’ के हवाले से कहा गया, ‘‘एक पायलट ने दूसरे से पूछा कि उसने ईंधन स्विच ऑफ क्यों किया, तो वह जवाब देता है कि उसने ऐसा नहीं किया।’’
विमान के उड़ान भरने के लगभग तुरंत बाद की सीसीटीवी फुटेज से पता चलता है कि ‘रैम एयर टर्बाइन’ (आरएटी) नामक ‘बैकअप’ ऊर्जा स्रोत सक्रिय हो गया था, जो इंजन से बिजली की कमी का संकेत देता है।
गौरतलब है कि, आज ही के दिन एक महीने पहले गुजरात के अहमदाबाद स्थित सरदार वल्लभाई पटेल अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट (Sardar Vallabhai Patel International Airport) के नजदीक हुए भीषण विमान हादसे में 284 लोगों की मौत हो गई थी। इनमें विमान में सवार 241 लोग जबकि दुर्घटनास्थल पर मौजूद करीब 34 लोग थी। जान गंवाने वालों में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री रूपानी (Former Gujarat Chief Minister Rupani) भी शामिल थी। वह परिवार से मिलने लन्दन जा रहे थे और हादसे वाले विमान में सवार थे।
एअर इंडिया171 विमान हादसे के प्रमुख घटनाक्रम
अहमदाबाद में हुए विमान हादसे की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) द्वारा जारी किए जाने के बाद 12 जून से अब तक की घटनाओं पर एक नजर:
- एअर इंडिया का करीब 12 साल पुराना बोइंग 787-8 विमान वीटी-एएनबी, 12 जून को उड़ान भरने के कुछ ही देर बाद अहमदाबाद में बीजे मेडिकल कॉलेज के आवासीय परिसर पर गिरकर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। यह विमान अहमदाबाद से लंदन जा रहा था।
- इस विमान में चालक दल के 12 सदस्यों समेत कुल 242 लोग सवार थे। दुर्घटना में केवल एक यात्री ही बच पाया। इस दुर्घटना में यात्रियों और चालक दल के सदस्यों के अलावा भी कई लोगों की जानें गईं। विमान हादसे में कुल 260 लोग मारे गए।
- हादसे में जीवित बचे यात्री विश्वास कुमार रमेश (45) ‘11ए’ सीट पर बैठे थे। यह सीट आपातकालीन निकास द्वार के पास की खिड़की वाली सीट थी। वह ब्रिटेन के नागरिक हैं।
- अहमदाबाद की यह दुर्घटना बोइंग के सबसे ज्यादा बिकने वाले 787 विमान की पहली ऐसी घातक दुर्घटना है जिसमें विमान पूरी तरह से नष्ट हो गया।
- एएआईबी ने 13 जून को जांच शुरू की और एक बहु-विभागीय टीम गठित की।
- केंद्रीय गृह सचिव की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय बहु-विभागीय समिति 13 जून को गठित की गई जिसका उद्देश्य विमान दुर्घटना के पीछे के कारणों की जांच करना और भविष्य में ऐसी घटनाएं रोकने के लिए व्यापक सुझाव देना था।
- 'कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर' (सीवीआर) और 'फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर' (एफडीआर) बरामद किए गए। इनमें से एक 13 जून को दुर्घटनास्थल से और दूसरा 16 जून को मलबे से मिला।
- ब्लैक बॉक्स को पूरी सुरक्षा में 24 जून को वायुसेना के विमान द्वारा अहमदाबाद से दिल्ली लाया गया।
- फ्रंट ब्लैक बॉक्स 24 जून को एएआईबी लैब, दिल्ली पहुंचा।
- रियर ब्लैक बॉक्स एक दूसरी एएआईबी टीम द्वारा लाया गया और 24 जून को शाम पांच बजकर 15 मिनट पर एएआईबी लैब, दिल्ली पहुंचा।
- ब्लैक बॉक्स से डेटा निकालने की प्रक्रिया 24 जून को शुरू हुई।
- 25 जून को फ्रंट ब्लैक बॉक्स से 'क्रैश प्रोटेक्शन मॉड्यूल' (सीपीएम) सुरक्षित रूप से निकाला गया। ‘मेमोरी मॉड्यूल' को सफलतापूर्वक एक्सेस कर उसमें मौजूद डेटा को डाउनलोड किया गया।
- संयुक्त राष्ट्र की संस्था ‘अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन’ (आईसीएओ) के विशेषज्ञ को जांच में पर्यवेक्षक का दर्जा दिया गया है।
- दुर्घटना के एक दिन बाद, नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने एअर इंडिया के बोइंग 787 ड्रीमलाइनर बेड़े की सुरक्षा जांच को और बढ़ाने का आदेश दिया। एअर इंडिया ने अपने बोइंग 777 विमान बेड़े की भी सघन जांच का निर्णय लिया।
- एअर इंडिया की मूल कंपनी टाटा संस ने पीड़ित परिवारों को एक-एक करोड़ रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की। इसके अतिरिक्त, एअर इंडिया 25 लाख रुपये का अंतरिम मुआवजा भी दे रही है।
- एअर इंडिया ने प्रभावित परिवारों को मानसिक आघात से उबारने और मनोवैज्ञानिक सहायता देने के लिए प्रशिक्षित मनोवैज्ञानिकों की एक टीम तैनात की है।
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