इंग्लैंड के खिलाफ हमने हार टालकर दिखा दिया, आखिर हम क्यों हैं 'महान टीम' : शुभमन गिल
भारतीय कप्तान शुभमन गिल का मानना है कि इंग्लैंड के खिलाफ चौथे टेस्ट मैच के आखिरी दिन ऐतिहासिक प्रदर्शन से हार टालने का विश्वास लोकेश राहुल के साथ उनकी साझेदारी से उपजा है और टीम ने ऐसा करके यह जता दिया वे ‘महान टीम’ क्यों है।
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भारतीय टीम ने पहली पारी में 311 रन से पिछड़ने के बाद दूसरी पारी में बिना कोई रन बनाए दो विकेट गंवा दिए थे लेकिन गिल, रविंद्र जडेजा और वाशिंगटन सुंदर ने शानदार शतक जड़कर अपनी टीम को हार से बचाया। इस परिणाम से भारत के पास अब पांच मैचों की सीरीज में बराबरी करने का मौका होगा।
गिल ने कहा, ‘140 ओवर तक एक ही मानसिकता बनाए रखना बहुत चुनौतीपूर्ण है। एक अच्छी टीम और एक महान टीम में यही अंतर होता है। मुझे लगता है कि हमने आज यह दिखाया कि हम एक महान टीम हैं।’
उन्होंने कहा, ‘शून्य रन पर दो विकेट गंवाने के बाद मुझे लगता है कि मेरे और केएल (राहुल) भाई के बीच की साझेदारी ने उम्मीद जगा दी थी कि हम इस काम को कर सकते हैं। मैं बेहद, बेहद खुश हूं। जिस स्थिति में हम कल थे, वहां से ड्रा हासिल कर पाना बेहद संतोषजनक है।’
राहुल ने धैर्य और एकाग्रता का परिचय देते हुए 90 रन की पारी खेली और गिल के साथ तीसरे विकेट के लिए 188 रन की साझेदारी कर टीम के लिए मजबूत नींव तैयार की। इसके बाद जडेजा और सुंदर ने इंग्लैंड के गेंदबाजों को सफलता से दूर रखा।
पहली बार टेस्ट टीम की अगुआई कर रहे 25 साल के गिल इस सीरीज में शानदार लय में है और एक दोहरा शतक सहित चार शतकों की मदद से 700 से ज्यादा रन बना चुके हैं। उन्होंने हालांकि ओल्ड ट्रैर्फड मैदान पर खेली की इस पारी को अपनी सर्वश्रेष्ठ पारी करार दिया।
गिल ने कहा, ‘मुझे लगता है कि मेरी सबसे संतोषजनक पारी थी।’ गिल जब आउट हुए उस समय टीम के सामने दो सत्र निकालने की चुनौती थी और विकेटकीपर ऋषभ पंत के चोटिल होने के कारण यह काफी मुश्किल काम था।
जडेजा और सुंदर ने एकाग्रता और धैर्य से बल्लेबाजी करते हुए इस जिम्मेदारी को दिलेरी से निभाया। उन्होंने इंग्लैंड के गेंदबाजों को दिन के आखिरी दो सत्र में कोई मौका नहीं दिया।
गिल ने अपने टीम के साथियों की तारीफ करते हुए कहा, ‘जब जड्डू भाई और वॉशी बल्लेबाजी कर रहे थे, तो यह आसान नहीं था। गेंद कुछ न कुछ हरकत कर रही थी उन्होंने हालांकि जिस तरह से धैर्य से बल्लेबाजी करते हुए शतक जड़ा उससे आपको एहसास होता है कि यह कितनी बड़ी उपलब्धि है।’
सुंदर के लिए यह पारी बहुत खास थी क्योंकि यह उनका पहला टेस्ट शतक था। उनका यह शतक तब आया जब टीम को उनकी सबसे ज्यादा जरूरत थीं।
सुंदर ने कहा, ‘मुझे लगता है कि यह शतक मेरे लिए बहुत मायने रखता है और मैं इसे अपने परिवार को समर्पित करना चाहता हूं क्योंकि उन्होंने मेरे क्रिकेट शुरू करने के पहले दिन से ही मेरा बहुत साथ दिया है। इसलिए, यह निश्चित रूप से मेरे लिए बहुत मायने रखता है। मेरे परिवार के लिए यह उससे भी अधिक मायने रखता है।’
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