IND vs ENG, 3rd Test: इंग्लैंड के खिलाफ लॉर्डस में होगी भारतीय बल्लेबाजों की कड़ी परीक्षा
शानदार फॉर्म में चल रहे भारतीय बल्लेबाजों को इंग्लैंड के खिलाफ बृहस्पतिवार से शुरू होने वाले तीसरे टेस्ट क्रिकेट मैच में लॉर्डस की चुनौती पूर्ण पिच पर सफलता हासिल करने के लिए खुद को अच्छी तरह से तैयार करना होगा जबकि जसप्रीत बुमराह की वापसी से मेजबान टीम के बल्लेबाजों की भी कड़ी परीक्षा होगी।
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इंग्लैंड ने लीड्स में पहला टेस्ट जबकि भारत ने बर्मिघम में दूसरा टेस्ट मैच जीता था और इस तरह से पांच मैच की सीरीज अभी बराबरी पर है। भारत की दूसरे मैच में 336 रन से जीत के बाद हालांकि समीकरण काफी बदल गए हैं। भारत ने अभी तक दोनों मैच में अधिकतर समय अपना दबदबा बनाए रखा है और अगर उसने पहले टेस्ट मैच में कुछ कैच नहीं छोड़े होते और निचले क्रम के बल्लेबाजों ने अच्छा प्रदर्शन किया होता तो वह सीरीज में 2-0 से आगे होता।
नए कप्तान शुभमन गिल के नेतृत्व में भारतीय टीम की अनुभवहीनता को देखते हुए लग रहा था कि इंग्लैंड की टीम उस पर हावी रहेगी लेकिन अभी तक जिस तरह से भारत ने प्रदर्शन किया है उसे देखते हुए उसे रोहित शर्मा और विराट कोहली की कमी नहीं खली। जिन्होंने इस सीरीज से पहले टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले लिया था। इससे भारत की मजबूत बेंच स्ट्रेंथ का भी पता चलता है। गिल एंड कंपनी द्वारा बनाए गए रनों के पहाड़ ने बेन स्टोक्स की सपाट पिच तैयार करके विपक्षी टीम को मुकाबले से बाहर करने की रणनीति पर फिर से विचार करने के लिए मजबूर कर दिया।
सपाट पिचों पर भारतीय बल्लेबाजों की जबरदस्त सफलता मेजबान टीम के लिए नुकसानदेह साबित हुई है। अब उन्हें ऐसे विकेट पर खेलना पड़ सकता है जिस पर अच्छी सीम मूवमेंट की उम्मीद की जा रही है। इसके अलावा, प्रतिष्ठित लॉर्डस में ऊपर-नीचे जाने वाली ढलान की अनोखी चुनौती भी है। बुमराह और जोफ्रा आर्चर की वापसी से बल्लेबाजों का काम और कठिन हो जाएगा। आर्चर चार साल में इंग्लैंड के लिए अपना पहला टेस्ट खेलने के लिए तैयार हैं।
बल्लेबाजी विभाग में भारतीय टीम के लिए जादा चिंता की कोई बात नहीं है, सिवाय करुण नायर के फॉर्म के, जो लेंथ से उछलती गेंदों के सामने थोड़े असहज दिखे हैं। इंग्लैंड यशस्वी जायसवाल की शॉर्ट पिच गेंदों से परीक्षा लेने की कोशिश करेगा लेकिन पूरी संभावना है कि भारतीय सलामी बल्लेबाज रन बनाने का कोई न कोई तरीका निकाल ही लेगा। भारत की अंतिम एकादश में एकमात्र अपेक्षित बदलाव प्रसिद्ध कृष्णा की जगह बुमराह का आना होगा।
लीड्स के बाद भारतीय तेज गेंदबाजों की प्रभावशीलता पर गंभीर सवालिया निशान उठे थे, लेकिन आकाशदीप, मोहम्मद सिराज और बुमराह की तिकड़ी आक्रमण को एक शक्तिशाली रूप देती है। दूसरे टेस्ट में 10 विकेट लेकर आकाश दीप ने इंग्लैंड में स्वप्निल शुरुआत की और हर समय विकेट को निशाना बनाने की उनकी आदत को देखते हुए घरेलू टीम के बल्लेबाजों को इस चतुर गेंदबाज के खिलाफ अतिरिक्त सावधानी बरतने की आवश्यकता होगी।
सिराज को 2021 में लॉर्डस में अपने मैच जीतने वाले प्रयास से आत्मविश्वास मिलेगा, जबकि बुमराह सबसे सपाट पिचों पर भी खतरनाक साबित होते हैं और यहां तो परिस्थितियां उनके अनुकूल हो सकती हैं। एजबेस्टन में भारत ने तीन ऑलराउंडर खिलाए, जिनमें रविंद्र जडेजा और वाशिंगटन सुंदर के रूप में दो स्पिनर शामिल थे। यह जोड़ी आगे भी बने रहने की संभावना है। भारतीय टीम में नितीश रेड्डी एकमात्र तेज गेंदबाजी ऑलराउंडर होंगे जिनका मुख्य कौशल बल्लेबाजी है।
आर्चर की वापसी से इंग्लैंड का गेंदबाजी आक्रमण और मजबूत होगा। पूरी तरह से फिट होने के बाद, दाएं हाथ के तेज गेंदबाज गस एटकिंसन भी टीम में वापस आ गए हैं। इंग्लैंड ने आर्चर को टीम में शामिल करके अपने गेंदबाजी आक्रमण को मजबूत करने की कोशिश की है। वह टीम में जोश टंग की जगह लेंगे। इंग्लैंड ने तीसरे टेस्ट के लिए अपनी एकादश में एकमात्र यही बदलाव किया है।
इंग्लैंड के बल्लेबाजों में रन बनाने के लिए संघर्ष कर रहे सलामी बल्लेबाज जैक क्रॉली पर दबाव होगा जबकि कप्तान बेन स्टोक्स से भी अधिक रन की उम्मीद है, जिन्होंने गेंदबाजी में लय हासिल करने में ज्यादा समय नहीं लगाया लेकिन उनकी बल्लेबाजी के बारे में ऐसा नहीं कहा जा सकता। अब तक सीरीज में दर्शकों की संख्या असाधारण रही है और लॉर्डस में भी स्टेडियम खचाखच भरे रहने की संभावना है।
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