जय शाह से जिद्दीपन की उम्मीद थी लेकिन वह ईमानदार और अच्छे इंसान हैं, बोले गांगुली

Last Updated 24 Jun 2025 02:02:10 PM IST

भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई - BCCI) के अध्यक्ष के रूप में अपने घटनाप्रधान कार्यकाल को याद करते हुए सौरव गांगुली ने खुलासा किया कि उन्हें बोर्ड के तत्कालीन सचिव और वर्तमान में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी - ICC) के अध्यक्ष जय शाह से ‘‘एक खास तरह की सख्ती और जिद्दीपन’’ की उम्मीद थी लेकिन वह उनकी ‘‘ईमानदारी’’ और चीजों को व्यवस्थित करने के तरीके से प्रभावित थे।


गांगुली और शाह अक्टूबर 2019 से सितंबर 2022 तक दुनिया के सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड में सहकर्मी रहे थे। यह कोविड-19 महामारी का दौर था जिसके कारण कुछ महीनों के लिए खेल गतिविधियां ठप्प पड़ गई थीं।

गांगुली ने कोलकाता में अपने आवास पर पीटीआई को दिए विशेष साक्षात्कार में कहा, ‘‘उनका (जय शाह) काम करने का अपना तरीका था लेकिन उनके बारे में सबसे अच्छी बात यह थी कि वह भारतीय क्रिकेट को आगे बढ़ाने के लिए चीजों को सही तरह से व्यवस्थित करना चाहते थे।’’

इस पूर्व कप्तान ने शाह के गृह मंत्री अमित शाह के बेटे होने के संदर्भ में कहा, ‘‘देखिए, उनके पास ताकत थी, समर्थन था, इसलिए आप उनसे एक खास तरह की सख्ती और जिद्दीपन की उम्मीद करते थे लेकिन उन्होंने भारतीय क्रिकेट को आगे बढ़ाने के लिए काफी कुछ किया।’’

यह पहला अवसर था जबकि गांगुली और शाह दोनों बीसीसीआई में एक साथ किसी पद पर थे। इससे पहले गांगुली बंगाल क्रिकेट संघ के अध्यक्ष जबकि शाह गुजरात क्रिकेट संघ में पदाधिकारी थे।

गांगुली की जगह 2022 में एक अन्य पूर्व टेस्ट खिलाड़ी रोजर बिन्नी को बीसीसीआई का अध्यक्ष नियुक्त किया गया, जबकि शाह नवंबर 2024 तक सचिव बने रहे। इसके बाद वह 36 वर्ष की उम्र में आईसीसी के सबसे युवा अध्यक्ष बने।

एक राजनीतिक परिवार के वारिस और एक प्रसिद्ध क्रिकेट स्टार के बीच आपसी रिश्तों के बारे में पूछे जाने पर गांगुली ने कहा कि उनके बीच सौहार्दपूर्ण संबंध थे जो आज भी कायम हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘हमारे बीच बहुत अच्छे संबंध थे और आज भी हमारे संबंध बहुत अच्छे हैं। जब वह सितंबर 2019 में गुजरात क्रिकेट संघ से सीधे बीसीसीआई में आए तो वह काफी युवा थे। वह काफी सहयोगी और मिलनसार व्यक्ति हैं।’’

गांगुली ने कहा, ‘‘जाहिर तौर पर उनकी अपनी अलग सोच थी और यह सही भी है। वह कुछ नया करना चाहते थे और आज भी ऐसा करते हैं। अब वह आईसीसी के अध्यक्ष हैं और यह बहुत बड़ी जिम्मेदारी है।’’

गांगुली का मानना ​​है कि समय के साथ शाह अपने काम में निपुण होते गए।

जल्द ही 53 साल के होने वाले इस सुपरस्टार ने कहा, ‘‘वह खिलाड़ियों का बहुत समर्थन करते हैं। जैसे-जैसे उन्होंने सीखा, वह अपने काम में निपुण होते गए। उनकी सबसे अच्छी बात यह है कि वह इस खेल के लिए अच्छा करना चाहते हैं।’’

कोलकाता के इस दिग्गज ने कहा कि शाह को अपनी स्थिति का पूरा अहसास था और वह हमेशा अपने काम को सिद्धांतबद्ध तरीके से करना चाहते थे।

उन्होंने कहा, ‘‘वह बहुत ईमानदार हैं और वह इस बात से अच्छी तरह से वाकिफ थे कि वह कौन है और उनके साथ क्या हो सकता है। इसलिए, वह हर समय सही और उचित तरीके से काम करना चाहते थे।’’

गांगुली ने कहा, ‘‘हम सभी ने गलतियां कीं, मैंने भी कीं, उन्होंने भी कीं। लेकिन ऐसा कभी जानबूझकर नहीं किया गया और खेल कभी नहीं रुका।‘‘

पूर्व कप्तान ने कहा कि अब भी कभी-कभी वह दोनों एक दूसरे से मिल जाते हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘जाहिर है, उन्होंने प्रगति की है, वह अब आईसीसी के अध्यक्ष हैं। आप उनसे कुछ अवसरों पर ही मिल सकते हैं क्योंकि हम अलग-अलग शहरों में रहते हैं। मैं प्रशासन में शामिल नहीं हूं। मैं उन्हें शुभकामनाएं देता हूं।’’

गांगुली ने कहा, ‘‘मैं उनसे कुछ समय पहले इंग्लैंड में मिला था। हमारी आईसीसी की बैठकों में मुलाकात होती है क्योंकि मैं आईसीसी की क्रिकेट समिति का अध्यक्ष हूं। वह चाहते हैं कि खेल निरंतर आगे बढ़ता रहे।’’

भाषा
नयी दिल्ली


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