रवि शास्त्री की एक प्रतिक्रिया के बाद लगा बीच भंवर में मुझे छोड़ दिया गया : अश्विन

Last Updated 22 Dec 2021 04:47:50 AM IST

भारत के प्रमुख ऑफ स्पिनर आर. अश्विन ने खुलासा किया है कि पूर्व मुख्य कोच रवि शास्त्री की एक टिप्पणी के बाद उन्हें ऐसा लग रहा था कि उन्हें बीच भंवर में छोड़ दिया गया और करियर के मुश्किल समय में उन्होंने कई बार खेल को अलविदा कहने के लिए सोचा।


भारत के प्रमुख ऑफ स्पिनर आर. अश्विन

‘ईएसपीनक्रिकइंफो’ को दिये साक्षात्कार में अश्विन से जब पूछा गया कि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 2019 के सिडनी टेस्ट में पांच विकेट लेने के बाद जब तत्कालीन कोच शास्त्री ने कुलदीप यादव को विदेशों में भारत का शीर्ष स्पिनर करार दिया तो उन्हें कैसा लगा था।

अश्विन ने कहा कि वह कुलदीप के लिए वह वास्तव में खुश थे क्योंकि उन्हें पता था कि ऑस्ट्रेलिया में एक स्पिनर के रूप में पांच विकेट लेना कितना मुश्किल है लेकिन शास्त्री की टिप्पणी ने उन्हें ‘ पूरी तरह से हताश कर दिया था’।

अश्विन ने कहा, ‘मैं रवि भाई का बहुत सम्मान करता हूं। हम सब करते हैं। और मैं समझता हूं कि हम सब कुछ कहने के बाद भी अपने शब्दों को वापस ले सकते है। उस समय मैं हालांकि बहुत हताश महसूस कर रहा था। पूरी तरह से टूटा हुआ।’

इस दिग्गज स्पिनर ने कहा, ‘हम सभी इस बारे में बात करते हैं कि अपने साथियों की सफलता का लुत्फ उठाना लेना कितना जरूरी है। मैं कुलदीप के लिए खुश था। मैं ऑस्ट्रेलिया में पांच विकेट हासिल नहीं कर पाया था लेकिन ऐसा किया। मुझे पता है कि यह कितनी बड़ी उपलब्धि है। यहां तक कि जब मैंने अच्छी गेंदबाजी की है तभी यह कारनामा नहीं कर सका था, इसलिए मैं वास्तव में उसके लिए खुश हूं। और ऑस्ट्रेलिया में जीत हासिल करना बेहद खुशी का मौका है।’

अश्विन ने कहा, ‘मुझे अगर उनकी खुशी और टीम की सफलता में हिस्सा लेना है, तो मुझे ऐसा महसूस होना चाहिए कि मैं उसका हिस्सा हूं। अगर मुझे लगता है कि मेरा तिरस्कार हो रहा है तो मैं टीम या टीम के साथी की सफलता का आनंद लेने के लिए कैसे उठा पाउंगा ?’ अश्विन, हालांकि भारतीय टीम की ऐतिहासिक श्रृंखला जीत के बाद आयोजित की गई पार्टी में शामिल हुए थे। 

उन्होंने कहा, ‘मैच के बाद मैं अपने कमरे में वापस गया और फिर अपनी पत्नी से बात की। मैं व्यक्तिगत निराशा को पीछे छोड़ने में सक्षम था। मैं उस पार्टी का हिस्सा बना क्योंकि हमने बड़ी श्रृंखला जीती थी।’ इस 35 साल के खिलाड़ी ने उस श्रृंखला के पहले टेस्ट मैच का जिक्र करते हुए कहा कि बार-बार चोटिल होने का मतलब है कि वह ‘काफी दर्द सहते हुए’ खेल रहे थे और उन्होंने दोनों पारियों में तीन-तीन विकेट लेकर टीम की जीत में अहम भूमिका निभायी थी।

भाषा
नई दिल्ली


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