भारत ने रोमांचक जीत से वनडे श्रृंखला भी अपने नाम की

Last Updated 28 Mar 2021 11:30:58 PM IST

भारत ने सैम करेन की करिश्माई पारी के बावजूद इंग्लैंड की एक और बड़ा लक्ष्य हासिल करने की उम्मीदों पर पानी फेरकर तीसरे और अंतिम एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच में रविवार को यहां सात रन से जीत दर्ज करके श्रृंखला 2-1 से अपने नाम की।


भारत की रोमांचक जीत

भारतीय टीम पहले बल्लेबाजी के लिये आमंत्रित किये जाने के बाद 48.2 ओवर में 329 रन बनाकर आउट हो गयी लेकिन इंग्लैंड दूसरे वनडे की तरह बड़ा लक्ष्य हासिल नहीं कर पाया और उसकी टीम नौ विकेट पर 322 रन ही बना पायी।     

करेन ने 22 रन के निजी योग पर हार्दिक पंड्या से मिले जीवनदान के बाद 83 गेंदों पर नाबाद 95 रन की पारी खेली जिसमें नौ चौके और तीन छक्के शामिल हैं। उनकी पारी से इंग्लैंड की उम्मीदें जगी लेकिन उनके अलावा केवल डाविड मलान (50) ही अपनी अच्छी शुरुआत का कुछ फायदा उठा पाये थे।     

भारतीय गेंदबाजों की प्रशंसा करनी होगी जिन्होंने बल्लेबाजी के लिये अनुकूल पिच पर अच्छी गेंदबाजी की। विशेषकर शादरुल ठाकुर (67 रन देकर चार) ने साझेदारी तोड़ने का अपना कौशल दिखाया जबकि भुवनेश्वर कुमार (42 रन देकर तीन) ने धारदार गेंदबाजी की। इंग्लैंड को आखिरी तीन ओवर में 23 रन चाहिए थे लेकिन भुवनेश्वर, हार्दिक और टी नटराजन ने केवल 15 रन ही दिये।     

इससे पहले शिखर धवन (56 गेंदों पर 67 रन, 10 चौके) और रोहित शर्मा (37 गेंदों पर 37 रन, छह चौके) ने पहले विकेट के लिये 103 रन जोड़कर भारत को अच्छी शुरुआत दिलायी लेकिन इंग्लैंड के स्पिनरों ने जल्द ही स्कोर चार विकेट 157 रन कर दिया। इसके बाद ऋषभ पंत (62 गेंदों पर 78) और हार्दिक पंड्या (44 गेंदों पर 64) ने 99 रन जोड़कर स्थिति संभाली। इन दोनों ने समान पांच चौके और चार छक्के लगाये।     

भारत ने इस तरह से इंग्लैंड से तीनों प्रारूपों में श्रृंखला जीती। उसने टेस्ट मैचों में 3-1 और टी20 अंतरराष्ट्रीय में 3-2 से जीत दर्ज की थी।     

भुवनेश्वर ने दोनों सलामी बल्लेबाजों जैसन रॉय (14) और जॉनी बेयरस्टॉ (एक) को लगातार ओवरों में आउट करके भारत को अच्छी शुरुआत दिलायी। उन्हें बेन स्टोक्स का विकेट भी मिल जाता लेकिन हार्दिक ने उनका हवा में लहराता आसान कैच छोड़ दिया।     

स्टोक्स हालांकि इसका फायदा नहीं उठा पाये और टी नटराजन की फुलटास उन्होंने डीप मिडविकेट पर धवन के सुरक्षित हाथों में पहुंचा दी। स्कोर तीन विकेट पर 68 रन हो गया। कप्तान जोस बटलर (15) लगातार तीसरे मैच में नहीं चल पाये। शादरुल ठाकुर ने उन्हें पगबाधा आउट किया जिसके लिये भारत ने डीआरएस का सहारा लिया।     

हार्दिक ने पांचवें गेंदबाज के रूप में वनडे श्रृंखला में पहली बार गेंद संभाली। यह कुल चौथा और 1997 के बाद पहला अवसर था जबकि भारत पांच तेज गेंदबाजों पहले पांच गेंदबाजों के रूप में आजमाया।     

लियाम लिविंगस्टोन (31 गेंदों पर 36 रन) और मलान जब पारी संवारने का काम रहे थे तब ठाकुर ने इन दोनों को पवेलियन भेजा। लिंिवगस्टोन ने उनकी फुलटॉस पर वापस कैच दिया तो मलान ने शार्ट मिडविकेट पर खड़े रोहित को कैच का अभ्यास कराया। इन दोनों ने पांचवें विकेट के लिये 60 रन की साझेदारी की।    

भुवनेश्वर 30 ओवर के बाद दूसरे स्पैल के लिये और उन्होंने खतरनाक दिख रहे मोईन अली (25 गेंदों पर 29) को पवेलियन भेज दिया। हार्दिक ने उनका बेहतरीन कैच लिया लेकिन करेन का आसान कैच छोड़ा। करेन ने इसके बाद आदिल राशिद (19) के साथ 57 और मार्क वुड (14) के साथ 60 रन की साझेदारी करके मैच को रोमांचक बना दिया था।    

इससे पहले कोहली ने फिर से टॉस गंवाया लेकिन धवन और रोहित ने शतकीय साझेदारी निभाकर टीम को अच्छी शुरुआत दिलायी। इसके बाद हालांकि 18 रन के अंदर दोनों सलामी बल्लेबाजों के अलावा कप्तान कोहली (सात) का विकेट गंवाने से टीम दबाव में आ गयी।    

आदिल राशिद (81 रन देकर दो) ने रोहित को गुगली पर गच्चा देकर बोल्ड करके भारतीयों की इस तरह की गेंदों को खेलने की कमजोरी फिर उजागर की। धवन भी गुगली को समझने में नाकाम रहे और राशिद को वापस कैच दे बैठे जबकि मोईन अली (39 रन देकर एक) की ऑफ स्टंप के बाहर पिच की गयी गेंद टर्न लेकर लेग स्टंप थर्रा गयी। कोहली इस टर्न से हैरान थे।     

केएल राहुल (सात) के जल्दी पवेलियन लौट जाने से स्थिति गंभीर लगने लग गयी थी लेकिन ऋषभ और हार्दिक ने अपने नैसर्गिक अंदाज में बल्लेबाजी की और जल्द ही टीम पर से दबाव भी कम कर दिया।     

पंत ने लियाम लिवंगस्टोन (20 रन देकर एक) पर छक्का और फिर चौका जड़ने के बाद राशिद पर छक्के से अपना तीसरा अर्धशतक पूरा किया और फिर अपना सर्वोच्च स्कोर भी बनाया लेकिन इसके तुरंत बाद वह विकेट के पीछे कैच दे बैठे।     

मोईन के एक ओवर में तीन छक्के लगाने वाले हार्दिक भी सातवां अर्धशतक पूरा करने के बाद स्टोक्स (45 रन देकर एक) की गेंद फ्लिक करने से चूकने के कारण बोल्ड हो गये। भारत का 35 ओवर के बाद विशाल स्कोर सुनिश्चित लग रहा था लेकिन मार्क वुड (34 रन देकर तीन) की अगुवाई में इंग्लैंड ने अच्छी वापसी की।     

शादरुल ठाकुर ने तीन छक्कों की मदद से 21 गेंदों पर 30 रन बनाये लेकिन क्रुणाल पंड्या पहले मैच की तरह रंग में नहीं दिखे और उन्हें 34 गेंदों पर 25 रन बनाने के लिये संघर्ष करना पड़ा। भारत ने आखिरी चार विकेट आठ रन के अंदर गंवाये।

भाषा
पुणे


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment