अगले साल टी-20 विश्व कप के लिए युवाओं की होगी आजमाइश

Last Updated 06 Dec 2019 02:01:07 AM IST

भारतीय टीम का वेस्ट इंडीज के खिलाफ शुक्रवार से यहां शुरू होने वाली तीन मैचों की टी-20 सीरीज के दौरान आस्ट्रेलिया में अगले साल होने वाले टी-20 विश्व कप के लिए खिलाड़ियों को आजमाना जारी रहेगा।




हैदराबाद : बल्लेबाजी अभ्यास के लिए अपनी बारी का इंतजार करते विराट कोहली।

इस सीरीज में लोकेश राहुल और ऋषभ पंत जैसे खिलाड़ी टीम में अपना स्थान पक्का करने का लक्ष्य बनाए होंगे।
टी-20 विश्व कप की तैयारियों में जुटी भारतीय टीम में कई खिलाड़ियों का स्थान अभी पक्का नहीं है और वे वेस्ट इंडीज के खिलाफ अपने प्रदर्शन से टीम प्रबंधन और चयनकर्ताओं को प्रभावित करने का प्रयास करेंगे। इनमें से एक नाम राहुल का है। चोटिल सलामी बल्लेबाज शिखर धवन की अनुपस्थिति में यह सीरीज उन्हें रोहित शर्मा के जोड़ीदार के तौर पर अपना स्थान सुनिश्चित कराने का बहुत अच्छा मौका प्रदान करेगी। उनका टी-20 में अच्छा रिकॉर्ड है।
राहुल के अलावा पंत भी अपने मजबूत प्रदर्शन से आलोचकों को जवाब देना चाहेंगे। बल्ले से और विकेटकीपिंग में अपनी अनिरंतर फार्म के कारण वह पिछले कुछ समय से आलोचनाओं में घिरे रहे हैं। उन्हें महेंद्र सिंह धोनी के उत्तराधिकारी के तौर पर देखा जा रहा था लेकिन इस साल के शुरू में आईसीसी वनडे विश्व कप के समाप्त होने के बाद उनकी फार्म में गिरावट आयी और अपना विकेट भेंट में देने के लिए कई बार उनकी काफी आलोचना की गई। यहां तक कि उनकी विकेटकीपिंग की भी काफी आलोचना हुई और इसी कारण बाएं हाथ के इस खिलाड़ी को खेल के लंबे प्रारूप से बाहर कर दिया गया और ऋद्धिमान साहा ने अंतिम एकादश मे दोबारा अपना स्थान हासिल कर लिया।

चयनकर्ताओं ने प्रतिभाशाली संजू सैमसन को टीम में शामिल किया और धोनी के ब्रेक से वापसी की बातें होने लगी। इससे अब पंत के लिए यह मौका है कि वह प्रदर्शन करें और अपना स्थान पक्का करें या फिर गंवा दे। सैमसन के लिए भी यह सीरीज अहम होगी। उन्हें बांग्लादेश के खिलाफ टी-20 टीम में शामिल किया गया था लेकिन केरल के इस विकेटकीपर बल्लेबाज को सीरीज में एक भी मौका नहीं मिला और धवन के सैयद मुश्ताक अली टी-20 चैंपियनशिप में दिल्ली के लिए खेलते हुए चोटिल होने के बाद ही उन्हें टीम में चुना गया।
यह तो निश्चित ही है कि पंत विकेटकीपिंग के लिए पहली पसंद होंगे लेकिन अगर वह फिर से विफल होते हैं तो यह देखना होगा कि टीम प्रबंधन सैमसन को मौका देता है या नहीं जिसके वह निश्चित रूप से हकदार हैं। भारत के लिए अच्छी बात यह है कि विराट कोहली बांग्लादेश के खिलाफ टी-20 सीरीज में ब्रेक लेने के बाद टीम की कमान संभालने के लिए वापसी करेंगे।
गेंदबाजी की बात की जाए तो कुलदीप यादव, मोहम्मद शमी और भुवनेश्वर कुमार टी-20 टीम में वापसी कर रहे हैं। कुलदीप और चहल की जोड़ी लंबे समय बाद एक साथ होगी जो ‘कुलचा’ के नाम से भी मशहूर हैं। कुलदीप छोटे प्रारूप में अंतिम बार फरवरी 2019 में न्यूजीलैंड के खिलाफ खेले थे। भारतीय तेज गेंदबाजी आक्रमण भी भुवनेश्वर कुमार और मोहम्मद शमी की वापसी से पैना दिखता है। बांग्लादेश सीरीज की खोज रहे दीपक चाहर के भी शमी और भुवनेश्वर के साथ तेज गेंदबाजी आक्रमण में अहम भूमिका निभाने की उम्मीद है।
वहीं वेस्ट इंडीज की टीम अगस्त में अपनी सरजमीं पर भारत से 0-3 से हारने का बदला चुकता करना चाहेगी। वेस्ट इंडीज को बहुत अच्छी टी-20 टीम माना जाता है और यह उनके पक्ष में रहेगा कि उन्होंने लखनऊ में अफगानिस्तान के साथ पूरी सीरीज खेलकर खुद को परिस्थितियों के अनुकूल ढाल लिया है। कीरोन पोलार्ड कप्तानी की जिम्मेदारी बखूबी निभाना चाहेंगे जबकि निकोलस पूरन गेंद से छेड़छाड़ के कारण लगे चार मैचों के प्रतिबंध की वजह से पहला टी-20 मैच नहीं खेल पाएंगे। इससे वेस्टइंडीज के बल्लेबाजी लाइन अप की जिम्मेदारी शाई होप और शिमरोन हेटमेयर पर होगी। वहीं भारतीय रोस्टन चेज से भी सतर्क होंगे जो बल्ले और गेंद दोनों से उपयोगी योगदान कर सकते हैं।

 

भाषा
हैदराबाद


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