विश्व कप : विराट सेना के सामने कैरेबियाई तूफान

Last Updated 27 Jun 2019 02:23:11 AM IST

भारत विश्व कप के अपने छठे लीग मैच में बृहस्पतिवार को जब सेमीफाइनल की दौड़ से बाहर हो चुकी वेस्ट इंडीज की खतरनाक टीम से भिड़ेगा तो टीम प्रबंधन की मुख्य चिंता महेंद्र सिंह धोनी की बल्लेबाजी और उनका बल्लेबाजी क्रम होगी।


मैनचेस्टर : बल्लेबाजी अभ्यास करते भारतीय कप्तान विराट कोहली।

लीग चरण अपने अंत की ओर बढ़ रहा है और ऐसे में भारत एक और जीत के साथ सेमीफाइनल में अपनी जगह पक्की करना चाहेगा।
यह कहना जितना आसान है उसे करना उतना आसान नहीं होगा। वेस्ट इंडीज की टीम के पास गंवाने के लिए कुछ नहीं है और वे बाकी मैचों में अन्य टीमों का समीकरण बिगाड़ने की कोशिश करेगी। दूसरे पावर प्ले के महत्वपूर्ण ओवरों में पूर्व कप्तान धोनी की विफलता ने कप्तान विराट कोहली की चिंता थोड़ी बढाई है। धोनी ने अफगानिस्तान के खिलाफ बेहद धीमी बल्लेबाजी करते हुए 52 गेंद में 28 रन बनाए। इसके लिए उन्हें काफी आलोचना का सामना भी करना पड़ा। यहां तक कि आम तौर पर शांत रहने वाले सचिन तेंदुलकर ने भी उनके रवैये पर सवाल उठाए थे।
टीम प्रबंधन भी इस समस्या से वाकिफ है लेकिन अब जब चार लीग मैच बचे हैं तब उनके पास एकमात्र विकल्प धोनी के बल्लेबाजी क्रम में बदलाव करना है। संभवत: इससे केदार जाधव को अधिक गेंद खेलने को मिल सकती हैं जो अपने शाट चयन में नयापन लाने के लिए पहचाने जाते हैं। हार्दिक पंड्या का इस्तेमाल अब तक फ्लोटर के रूप में हुआ है लेकिन अफगानिस्तान के खिलाफ मैच ने दिखाया कि अगर उन्हें दूसरे छोर से सहयोग नहीं मिलता है तो फिर उन पर काफी दबाव आ जाता है।

कोहली और कोच रवि शास्त्री अब तक ऋषभ पंत का इस्तेमाल करने को लेकर काफी उत्सुक नजर नहीं आए हैं। टीम प्रबंधन अगर विजय शंकर को बाहर करने का फैसला करता है तो ही पंत को टीम में जगह मिल सकती है। वेस्ट इंडीज की टीम में काफी तेज गेंदबाज हैं और ऐसे में धोनी को स्ट्राइक रोटेट करने में आसानी हो सकती है क्योंकि वह धीमे गेंदबाजों के खिलाफ सहज होकर नहीं खेल पा रहे हैं। पिछले मैच में अफगानिस्तान के धीमे गेंदबाजों ने इसका काफी फायदा उठाया था।
आईपीएल में धोनी की बल्लेबाजी और भारत के लिए 50 ओवर के प्रारूप में उनके प्रदर्शन में अंतर को लेकर काफी बहस हो रही है। चेन्नई सुपरकिंग्स की ओर से खेलते हुए धोनी ने भारत के एक अनुभवहीन घरेलू गेंदबाज को निशाना बनाया जबकि बड़े अंतरराष्ट्रीय नामों के खिलाफ सुरक्षित क्रिकेट खेला। टीम को धोनी की रणनीति और तेजतर्रार विकेटकीपिंग की जरूरत है और ऐसे में कप्तान और कोच को उनकी भूमिका पर काफी माथापच्ची करनी होगी। दूसरी तरफ वेस्ट इंडीज की टीम विश्व कप में सेमीफाइनल की दौड़ से बाहर हो चुकी है लेकिन टीम टूर्नामेंट का सकारात्मक अंत करना चाहेगी।

धोनी ने स्वीप शाट लगाए, भुवनेश्वर ने की गेंदबाजी
मैनचेस्टर (भाषा)। मुख्य चयनकर्ता एमएसके प्रसाद ने वेस्ट इंडीज के खिलाफ भारत के विश्व कप मैच की पूर्व संध्या पर ट्रे¨नग सत्र के दौरान विकेटकीपिंग की तो भुवनेश्वर कुमार ने एक विकेट पर काफी समय तक गेंदबाजी की जिससे देखते हुए लगता है कि वह पूरी तरह से फिट हैं। बल्लेबाजी नेट पर महेंद्र सिंह धोनी धीमे गेंदबाजों के खिलाफ स्ट्रोक लगाने की कोशिश कर रहे थे, हालांकि वह क्रिकेट गेंद के नैसर्गिक स्वीपर नहीं हैं। जब पारपंरिक शाट से रन नहीं बनते तो स्वीप शाट को स्पिनरों के खिलाफ हमेशा प्रभावशाली शाट समझा जाता है। प्रसाद ने बाद में डीप से ताकतवर थ्रो भी लपके और रिजर्व विकेटकीपर ऋषभ पंत ने नेट पर काफी समय बिताया और आउटफीलिं्डग भी की जिसमें कुछ हवा में कैच लेना भी शामिल रहा। बृहस्पतिवार को भुवनेश्वर ने गेंदबाजी स्पाइक पहने और फुल रन-अप से गेंदबाजी की जबकि पूर्व विकेटकीपर प्रसाद ने विकेटकीपिंग की। इस तेज गेंदबाज को पाकिस्तान पर भारत की जीत के दौरान चोट लग गई थी और उन्हें कोई परेशानी नहीं दिखी, उन्होंने फिजियो पैट्रिक फरहार्ट और गेंदबाजी कोच भरत अरूण से बात की। बल्कि अरूण ने स्पष्ट किया कि अगर भुवनेश्वर पूरी तरह फिट होते हैं तो वह मोहम्मद शमी की जगह ही खेलेंगे, भले ही शमी ने अफगानिस्तान के खिलाफ हैट्रिक ली हो।

भाषा
मैनचेस्टर


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