दांव पर रवि शास्त्री की प्रतिष्ठा

Last Updated 25 Dec 2018 07:16:01 AM IST

पर्थ के दूसरे टेस्ट की हार और उसके बाद ऑलराउंडर रविंद्र जडेजा की दबी चोट को लेकर उठे विवाद के बाद विश्व की नंबर एक टीम भारत के कोच रवि शास्त्री की प्रतिष्ठा भी दांव पर लग गई है।


भारत के कोच रवि शास्त्री (file photo)

शास्त्री ने रविवार को मेलबर्न में संवाददाता सम्मेलन में जडेजा की चोट को लेकर खुलासा किया था कि उन्हें आस्ट्रेलिया पहुंचने के बाद बाएं कंधे की चोट के लिए इंजेक्शन दिए गए थे। शास्त्री ने इसके साथ ही पूर्व भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर का नाम लिए बिना उन पर निशाना साधा था कि हजारों मील दूर बैठकर आलोचना करना आसान है।
टीम इंडिया के कोच ने संवाददाता सम्मेलन में जिस तरह गावस्कर को आड़े हाथों लिया वह निश्चित रूप से आगे आने वाले तूफान का संकेत है। मेलबर्न में भारतीय टीम को हर लिहाज से बेहतरीन प्रदर्शन करना होगा और जीत हासिल करनी होगी। अन्यथा टीम के साथ-साथ कोच को भी आलोचनाओं के नए तीरों के लिए तैयार रहना होगा। शास्त्री की कांफ्रेंस का सबसे बड़ा मुद्दा जडेजा की चोट बन गई जिसे अब तक दबा कर रखा गया था।
इससे पहले शास्त्री अपने उस बयान को लेकर भी विवादों में रहे थे जिसमें उन्होंने कहा था कि यह भारतीय टीम पिछले 15 वर्षो में विदेशी दौरा करने वाली सर्वश्रेष्ठ टीम है। बीसीसीआई का संचालन देख रही प्रशासकों की समिति ने भी शास्त्री के इस बयान पर आपत्ति उठाई थी। भारतीय कोच की यह बात एडिलेड टेस्ट में भारत की शानदार जीत तक ठीक लग रही थी लेकिन पर्थ में हार के साथ ही टीम इंडिया में छिपी हुई वे तमाम बातें बाहर आने लगीं जो आमतौर पर ड्रेसिंग रूम का हिस्सा रहती हैं।

भारत के आस्ट्रेलिया पहुंचने के एक महीने बाद जाकर टीम इंडिया के कोच मीडिया को यह बताते हैं कि टीम के एक प्रमुख स्पिनर चोट के साथ आस्ट्रेलिया पहुंचे और इसके बावजूद उन्हें पर्थ टेस्ट के लिए 13 सदस्यीय टीम में शामिल कर लिया गया। शास्त्री के बयान से उठे विवाद पर लीपापोती करने के लिए बीसीसीआई को आनन फानन में रविवार रात ही एक बयान जारी कर जडेजा की पूरी चोट के लिए सफाई देनी पड़ी। बीसीसीआई ने साथ ही यह भी बता दिया कि जडेजा मेलबर्न टेस्ट में खेलने को लेकर उपलब्ध हैं।
यह हैरानी की बात है कि पिछले लगभग एक महीने में टीम से बाहर किसी को भी यह जानकारी नहीं थी और न ही टीम प्रबंधन ने बताया था कि जडेजा के बाएं कंधे में चोट है और उसके इलाज के लिए उन्हें आस्ट्रेलिया पहुंचने के लिए उन्हें इंजेक्शन दिए गए हैं। दरअसल यह सारा मामला पर्थ टेस्ट की हार के बाद सामने आया जिसमें भारतीय टीम प्रबंधन ने विशेषज्ञ स्पिनर को बाहर रख चार तेज गेंदबाजों को खिलाया और मेजबान आस्ट्रेलियाई टीम अपने विशेषज्ञ स्पिनर नाथन लियोन की बदौलत मैच जीतकर सीरीज में बराबरी हासिल करने में कामयाब रही।
ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन पेट की मांसपेशियों में खिंचाव के कारण दूसरे टेस्ट से बाहर हो गए थे जबकि जडेजा को बाहर रखने के पीछे कोई कारण नहीं बताया गया था। कप्तान विराट कोहली ने दूसरे टेस्ट की पूर्व संध्या पर कहा था कि उन्हें कोई कारण नहीं दिखाई देता कि इस मैच में विशेषज्ञ स्पिनर को किलाया जाए। विराट ने यहां तक कहा कि यदि अश्विन फिट भी होते तो भी वह चार तेज गेंदबाजों के साथ उतरते।
टीम चयन के इसी फैसले की गावस्कर ने कड़ी आलोचना की थी जिस पर शास्त्री ने उलटा सवाल उठाते हुए कहा था कि आलोचकों को तथ्यों के बारे में कोई जानकारी नहीं है और वे हजारों मील दूर बैठकर अपने हिसाब से टिप्पणी करते रहते हैं। यह भी दिलचस्प है कि जहां शास्त्री जडेजा को पूरी तरह फिट नहीं बैठा रहे हैं वहीं इस ऑलराउंडर ने पर्थ के दूसरे टेस्ट में आस्ट्रेलिया की पारी में क्षेत्ररक्षण किया था। पर्थ टेस्ट की पूर्व संध्या पर खिलाड़ियों की फिटनेस को लेकर बीसीसीआई के बुलेटिन में जडेजा की चोट का कोई जिक्र नहीं था। टीम प्रबंधन ने भी यह बात किसी को पता नहीं लगने दी कि जडेजा पूरी तरह फिट नहीं हैं।
धोनी की टी-20 टीम में वापसी, पंत वनडे से बाहर
नई दिल्ली (भाषा)। महेंद्र सिंह धोनी ने फरवरी में न्यूजीलैंड के खिलाफ होने वाली सीरीज के लिए भारतीय टी-20 टीम में वापसी की ताकि वि कप से पहले उन्हें पर्याप्त मैच अभ्यास मिल सके जबकि युवा विकेटकीपर ऋषभ पंत को आस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के खिलाफ आगामी वनडे सीरीज के लिए टीम से बाहर कर दिया गया। धोनी की वापसी हैरानी का सबब रही क्योंकि उन्हें आस्ट्रेलिया के खिलाफ पिछले महीने ही टी-20 टीम से बाहर कर दिया गया था। चयनकर्ताओं ने उस समय यह तर्क दिया था कि उन्हें दूसरे विकेटकीपर की तलाश है।
वहीं पंत को बाहर किए जाने से संकेत मिल गया है कि टीम प्रबंधन 2019 वि कप के लिए पहले विकेटकीपर के रूप में उनके नाम पर गौर नहीं कर रहा है। चयन समिति के समन्वयक अमिताभ चौधरी ने इस मसले पर टिप्पणी से इनकार कर दिया लेकिन बोर्ड के एक अधिकारी ने धोनी के चयन को सही ठहराया। धोनी के चयन को सही ठहराते हुए बीसीसीआई के एक अधिकारी ने कहा, ‘अब सिर्फ आठ वनडे मैच खेले जाने हैं तो चयनकर्ता धोनी को वि कप से पहले पूरा समय देना चाहते हैं।

वार्ता
मेलबर्न


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